कावड़ भोले तेरे भरोसे पे
कावड़ हरिद्वार से ठाई , भोले तेरे भरोसे पे इब तेरे ते लगन लगाई , भोले तेरे भरोसे पे नाचे
कावड़ हरिद्वार से ठाई , भोले तेरे भरोसे पे इब तेरे ते लगन लगाई , भोले तेरे भरोसे पे नाचे
फरियाद मेरी सुनके,भोले नाथ चले आना, नित ध्यान धरूँ तेरा बिगड़ी को बना जाना, फरियाद मेरी सुनके…. तुझे अपना समझकर
कही जगत मे रात अन्देरी कही है दिन के उजाले, निराले तेरे खेल निराले डम डम डमरू वाले, चम चम
आज सब नु हों वधाईयां जंज चली भोलेनाथ दी, बैल ते बेठा बन के लाडा नैना विच चडेया रंग गाह्डा,
बम बम भोले शंकर, गले में नाग भयंकर , काज संवारे हैं तुमने भक्तों के रखवाले मतवाले बम बम भोले
उठ नित सुबह जप शिव नाम निर्मल मन के साथ चाहे कहो गंगाधर चाहे कहो शिव शंकर है भोले नाथ
भोले जी तेरी इक ना मानुगी तेरे सिलवटा तोडू गी, पीहर ने मैं तो जाइ रही क्यों गोरा जिद पे
पी के भंगिया झूमे भोले कंधे कावड़ उठाई से, किसे ने ज्यादा किसे ने थोड़ी सब ने भांग चढ़ाई से,
शिव कैलाशों, के वासी, ओ धौली, धारों के राजा, “शँकर, संकट हरना xll” शँकर, संकट हरना ll, ओ भोले बाबा,
दुनिया है आई शरण तिहारी भोले नाथ गम हरे गे, भंडार वो भरेंगे, हे भोले बाबा शिव भंडारी दुनिया है