
खड़े हैं दर पे दर्शन को चरण शिवजी के छूने को
खड़े हैं दर पे दर्शन को, चरण शिवजी के छूने को, कगार मैं जल चढ़ाती हूँ तो वो मछली का

खड़े हैं दर पे दर्शन को, चरण शिवजी के छूने को, कगार मैं जल चढ़ाती हूँ तो वो मछली का

भोला मेरा मस्त मलंगा भस्म रमा के बैठे तन पे बहे जटा में गंगा, भोला मेरा मस्त मलंगा सब देवो

हम तो कंवर उठा के चले है, दुःख ये शिव से अपना कहे गे, सारी दुनिया है भक्ति की दुश्मन,

जय जय शंकरा, जय जय शंकरा , राह निहारे भक्त तुम्हारे कर जोडे तेरे द्वार, आजा महाकाल आजा, उज्जैन नगरी

भोले शंकर का लेके नाम, चलो चले अमरनाथ शिव धाम वहां शम्भू मिलेगे यहाँ भोले नाथ ने समाधि लगाई, अमर

पुरे कुल जगत दे राजेया तेरे गल नागा दे हार तेरी जटा च गंगा वसदी तू नंदी दा सवार मेरी

पर्वत पे आजा मेरी गौरा क्यों देखे गौरा खड़ी खड़ी मैं कैसे आऊं मेरे भोले मेरे से प्यारी तुम्हें गंगा

शिवरात्रि त्यौहार आ गया शिव रात्रि त्यौहार, शिव की मंगल मेय भक्ति का आ गया शिवरात्रि त्यौहार, शिव का नाम

भोले शंकर भोले सारे भगतो के रखवाले, तीन लोक भण्डार भरे खुद भस्म रमाने वाले, भोले शंकर भोले सारे भगतो

शिव जी बिहाने चले नंदी सजा के बभूति रमा के ढोलवा बजा के हो आज, हा संग संग बाराती चले