
ओ मेरे भोले बाबा पलका उघाड़ो
ओ मेरे भोले बाबा, पलका उघाड़ो सावन आ गयो। सावन क महीना में बाबा, बिल्व पत्र चढ़ावा-॥ आक धतूरा, और

ओ मेरे भोले बाबा, पलका उघाड़ो सावन आ गयो। सावन क महीना में बाबा, बिल्व पत्र चढ़ावा-॥ आक धतूरा, और

मेरा भोला डमरू बजावे रे नील कंठ पे बैठे, पार्वती संग बैठे देखो शिव गोरा संग बैठे, मेरा भोला डमरू

भंग चढ़ गई बाबा भंग चढ़ गई बम बम भोले मुझे भंग चढ़ गई, झूम के नाचू मैं तो झूम

कट चुके चौरासी सब दी जून सफल हो जानी, चलो अमर नाथ चलिये सुनिए शिव तो अमर कहानी, शिव शंकर

शिव शंकर डमरू वाले मेरा सहारा तू है, लोका दे लखा सहारे मेरा सहारा तू है, तेरा डम डम डमरू

आये ने मेरे भोले नाथ बैल उते होके सवार जी, गोरा मैया नु लेके साथ बैल उते होके सवार जी,

देखो झूम रहा कैलाश सारे गणपत की बोल रहे जय जय, सारा नाच रहा कैलाश सारे गणपत की बोल रहे

कैलाशपति आओ, अब देर लगाओ ना, सुन लो सुन लो हे जटाधारी, मेरी आस पुराओ ना, दीवाना दिल पागल, बन

भाजन दे रे भोले नाथ डमरू भाजन दे, कैलाश में बैठा डेरा जमा के, माँ पारवती भी साथ डमरू भाजन

सब भगता दिया रीजा पुगाइयाँ भोले ने, दर ते नच्दे भगत प्यारे मौजा लाइया भोले ने, सब नु वंड दा