
जो भी आता शरण में स्वीकार करते है
जो भी आता शरण में स्वीकार करते है सब की अर्जी पे भोला विचार करते है, शिव से ही रखना

जो भी आता शरण में स्वीकार करते है सब की अर्जी पे भोला विचार करते है, शिव से ही रखना

भोले नाथ चले गोरा रानी को बिहाणे, मस्ती में आज लगे डमरू बजाने, भोले नाथ ने खेल रचाया , नंदी

प्रभु मेरे मन को बना दे शिवाला, तेरे नाम की मैं जपु रोज माला , अब तो मनो कामना है

मैंने सुना है डमरू बाज रहा मेरे भोले का, मुझे चढ़ गया चढ़ गया नशा भांग के गोले का, कैसे

शम्बू के विवाह का मजा लीजिये, शिव के दीदार का मजा लीजिये, सर्पो का हार पहने बस्मी लगी अंग में,

द्वार पे तेरे ए है हम तुम तो हो अशरण अशरण, शिव शंकर धान तोड़ो हे दया निधि खोली नयन,

ये रूप भोलेनाथ का, निराला मेरे नाथ का, ये तीन तीन नैना नैना त्रिलोकी नाथ के, प्यारे है भोले नाथ

जटाधारी भोले भंडारी, हमने देखि है तेरी लीला देखि महिमा तेरी न्यारी, जटाधारी भोले भंडारी, काँधे पे कावड़ बाँध के

तन ते भस्म रमा ली अपने भगता न सोग्ता तेरियां, क्या बात महादेव तेरियां क्या बाता, सूखा दे गफे जद

किसी को भांग का नशा है मुझे तेरा नशा है, भोले ओ शंकर भोले मनवा कभी न डोले, नस नस