
कावड़ लयावागे भोले की
कावड़ का मेला आया रे भोले का जादू छाया रे, नील कंठ पे जाके सारे धूम मचावा गे, कावड़ लयावागे

कावड़ का मेला आया रे भोले का जादू छाया रे, नील कंठ पे जाके सारे धूम मचावा गे, कावड़ लयावागे

बम बम भोले बोल जोगियां बम बम भोले, भोले शंकर कदे कताई तीजा नेत्र खोले, बम बम भोले बोल जोगियां

खुल गये पट अमरनाथ के दर्शन को भगतो चलो, बाबा बर्फानी के दर से झोली सब भरने चलो, खुल गये

मैं तेरे द्वार भोले नाथ फिर से आई हु, तेरे दरबार से ही सब कुछ मैं तो पाई हु, मैं

गुज्जरा दे छोरे चले भोले नू मानौंन कावड उठा के कंधे सर नू झुकौन गुज्जरा दे गुज्जरा दे गुज्जरा दे

ला कर गंगा जल शिव भोले को नेहलायेगे, चल कांवड़ियाँ चल भोले की कावड़ लाये गे, कावड़ियों की बन गई

मस्ती में आये रहे भोले जी कैसे हरषाये रहे भोले जी, डमरू भजाये रहे भोले जी नाच दिखाये रहे भोले

भाग तुम हो बहार तुम हो, फूल तुम हो हार तुम हो, जीत तुम हो हार तुम हो, आर तुम

तू गंगा जी न जावन दीता आद्दत से तेरी रोले की, मैं बनी भगतनि भोले की, सास ससुर की सेवा

गोरा रिम झिम पड़े फुहार जे मस्त महीना सावन का, रे जल्दी रगड़े क्यों न भांग के लेगी मूड बनावन