मेरी कावड़ को करो स्वीकार तुम
मेरी कावड़ को करो स्वीकार तुम, हे तिरलोकी भोले नाथ जी, लाखो दर पे कावड़िया आये है, भोले भोले की
मेरी कावड़ को करो स्वीकार तुम, हे तिरलोकी भोले नाथ जी, लाखो दर पे कावड़िया आये है, भोले भोले की
चाहे नचाले जितना अपने दरबार में मुझको नचाना न तू जूठे संसार में, सारी दुनियां घूम के बाबा आया शरण
बम बम बोल के चलो रे दिल खोल के, भोले की कावड़ ल्यावे हरिद्वार से बुलावे भोला प्यार से, मस्त
मम्मी मैं भी कावड़ लाऊ हरिद्वार की राह में, बम बम भोले करता आउ सावन की फुहार में, मम्मी तुम
सबका लौटा निर्मल जल से प्रेम पूर्वक न्हाले, लाया पिंड बाजरे का भोले आ के भोग लगा ले, तू भी
ईशा करके आये भोले पूरी कर छपड़ पाड़ के तेरी वेट में बैठे सब शिव शम्भू चिलम हम मार के
भोले/बाबा तेरे चरणों की ll, गर धुल जो मिल जाए, सच कहता हूँ भोले/बाबा ll, तकदीर बदल जाए भोले/बाबा तेरे
तेरी कावड़ लेके चाले गूंजे बम बम की जय कार, तुम देव मेरे निराले तेरी माया अप्रम पार, तेरी कावड़
जय शिव शंकर भोले नाथ, देवो के तुम देव हो नाथ, हे शिव शंकर भोले नाथ, जय शिव शंकर भोले
ढोल नगाड़े भजते है बाबा तेरे मंदिर में, नित नये मेले लगते है भूत नाथ के मंदिर में हो, दरबार