भांग रगड़ के पिलाऊ भोला मुड़ बना ले ने
भांग रगड़ के पिलाऊ भोला मुड़ बना ले ने, चल हरिद्वार चालागे नंदी तेरा सजा ले ने, भर भर लौटे
भांग रगड़ के पिलाऊ भोला मुड़ बना ले ने, चल हरिद्वार चालागे नंदी तेरा सजा ले ने, भर भर लौटे
तेरे चरणों में सिर को झुकाती रहु, तेरे गुण गान भोले मैं गाती रहु, ॐ नमः शिवाये,ॐ नमः शिवाये, तेरे
हाथ सिर बढ़ कर तुम आज रखो, अवढरदानी भोले शंकर आ कर पड़ा हु तेरे दर पर आकर मेरी लाज
मेरा इतना कहना तू पूजा दे रे भोले, मने हरिद्वार का मेला तू दिखादे रे भोले, मेरा ढीला हो गया
सारे जग में तेरे नाम का डंका भज गया से, माँ पारवती के संग में बाबा भोला सज गया से,
मैं भोले का बम भोले का जय शिव शंकर महादेव का, मैं लाड़ला भोले बाबा का, तू बम भोले बोल
ओ भक्तो कावड़ उठा कर चलो बाबा के द्वार, बाबा धाम में यहाँ लगा शिव दरबार, सुलतान गंज जल भर
सावन की रिम जिम बारिश में कंधे पे कावड़ ले के तू भर ले गंगा जल, बोले बम भोले बोल
कैसा छाया कावड़ियों पे रंग कावड़ उठा के चले जो कावड़ उठा के चले ये बम बम गाते चले, पी
चले ब्याह रचाने रे करके भोला श्रृंगार, तन पे बसम रमा होक नंदी पे सवार, उलझे लम्बे काले खोले ये