सावन का मेरे रंग चढ़ गया
मेरी जान मरण में आ री से किसा लोक नसेड़ी गल पड़ गया, यु न बोले गोरा रानी सावन का
मेरी जान मरण में आ री से किसा लोक नसेड़ी गल पड़ गया, यु न बोले गोरा रानी सावन का
चरण शरण में राख सदा शिव तेरी है दरकार दया कर बम भोले, बम भोले शंकर भोले शिव शम्भू डमरू
भोले की कावड़ ल्यांऊ या मेरा मन ललचावे से जब सावन मेला आवे से, कोई बड़ा बम कोई छोटा से
डम डम डमरू भोले का बाज रहा, मस्ती में देखो कैसे मेरा भोला नाच रहा, डम डम डमरू भोले का
भोले ख़याल राखिये मेरे इन फौजी भाइयाँ का, लड़े जो मेरे देश की खातिर वीर सपाइयाँ का, भोले ख़याल राखिये
तीनो लोको में भोले के जैसा दूसरा कोई दानी नहीं है, कौन सा भक्त है बात उसकी मेरे भोले ने
भूतनाथ तेरे नाम से गुजारा हमारा, तेरा जन्म जन्म का साथ है, करेंगे सेवा हर जन्मो में बनकर दास तुम्हारा,
बड़ी दूर से ये कावड़ियाँ द्वार तुम्हारे आये है, ये गंगा जल लेकर भोले तुम्हे चढ़ाने आये है, कोई काशी
भोला मेरा मस्त मलंग है जटाजुट और अंग बसम है, मस्तक चंदा बड़ा ही सजदा गल विच फनियाँ वज्दा है,
शिव भोले की किरपा से दुनिया ये चल रही है, भगतो की सोइ किस्मत पल में बदल रही है, शिव