
भोले बम जय कार लगता चल
सावन की रिम जिम बारिश में कंधे पे कावड़ ले के तू भर ले गंगा जल, बोले बम भोले बोल

सावन की रिम जिम बारिश में कंधे पे कावड़ ले के तू भर ले गंगा जल, बोले बम भोले बोल

कैसा छाया कावड़ियों पे रंग कावड़ उठा के चले जो कावड़ उठा के चले ये बम बम गाते चले, पी

चले ब्याह रचाने रे करके भोला श्रृंगार, तन पे बसम रमा होक नंदी पे सवार, उलझे लम्बे काले खोले ये

भोला मेरा तू ही पीर मेरा पैगंबर, भंडारी त्रिपुरारी दया का तू समंदर, भोला है मेरे अंदर मैं भोले का

कावड़ उठा ने को शिव के द्वार चल हरिद्वार भोले चल हरिद्वार, शिव के दीवानो का रेला चला गंगा के

तू ही तू तू ही तू बम बम भोले तू ही तू, धरती और आकाश में भोले तीनो लोक में

तेरी भांग न रगड़ी जांदी हो ओ भोले भंडारी, टूटी खुंडी टुटेया सोटा, भांग न रगड़ी जांदी हो ओ भोले

मेरा भोला है भंडारी करे नंदी की सवारी, शम्भू नाथ रे शंकर नाथ रे, तेरा नाम है तारण हारा इक

भोले बाबा शरण में तुम्हारी, बैठी दर पे तेरे कब लोगे खबरियां हमारी, भोले बाबा शरण में तुम्हारी अपनी मस्ती

सुन भोले सुन शंकर सुन बात खोल कर कान, तेरी भाँग से हूँ परेशान, सुन गोरा सुना गोरा बात लगा