
ये गंगा जल लेकर भोले तुम्हे चढ़ाने आये है
बड़ी दूर से ये कावड़ियाँ द्वार तुम्हारे आये है, ये गंगा जल लेकर भोले तुम्हे चढ़ाने आये है, कोई काशी

बड़ी दूर से ये कावड़ियाँ द्वार तुम्हारे आये है, ये गंगा जल लेकर भोले तुम्हे चढ़ाने आये है, कोई काशी

भोला मेरा मस्त मलंग है जटाजुट और अंग बसम है, मस्तक चंदा बड़ा ही सजदा गल विच फनियाँ वज्दा है,

शिव भोले की किरपा से दुनिया ये चल रही है, भगतो की सोइ किस्मत पल में बदल रही है, शिव

बिगड़ी किस्मत को बनाता भोले भंडारी मेरा, दुनिया की हर एक शय पे शिव शम्भु का राज है, सूखे फूलो

भोले से जो प्रीत बढ़ाये सदा ही सुख पाये, के पग पग राह दिखाए बाबा का प्यार दुलार, भोले की

कोई देवता नही है भोले नाथ की तरह, लुटा ते है खजाने बड़े साब की तरह, शिव ने हमारे वास्ते

भोले बम के नारा से गूंज रहा जग सारा, बड़ा ही प्यारा लागे देवघर का नजारा, हवाओ में अज़ाब सा

हर हर बम बम गूंज रहा है अब सारे संसार में, चलो रे भाई जल को चढ़ाने भोले के दरबार

जो सुख मिलता काशी जाके, जो फल मिलता गंगा नहा के, वो घर बैठे पाओगे इक लोटा जल शिव को

सिर पे तेरे गंगा मियां गले में तेरे सर्पो की माला, विष पिया तूने जेह्रीला हो गया तेरा रंग भी