प्राणी लोक मुझे भी ले चल भोले जोगिया
प्राणी लोक मुझे भी ले चल भोले जोगिया, होके नन्द पे सवार जाऊ केलाश पार धरती घुमं दे पापियों के
प्राणी लोक मुझे भी ले चल भोले जोगिया, होके नन्द पे सवार जाऊ केलाश पार धरती घुमं दे पापियों के
बम बम भोले जी बाबा बम बम भोले गले में इनके सर्प माला हाथ में है तिरशूल नील कंठ पे
म्हारा मन तरसे भोले मिलने को तरस ते है लॉकडाउन हटा भोले कावड को तरस ते है म्हारा मन तरसे
बम बम बोल के तू तर जाएगा शंकर शम्भु बोल के तू तर जाएगा बम बम बोल के तू तर
मेरे शिव डमरू वाले,हमें चरणों से लगाले पड़ी मझधार में नैया भोले उसे पार लगादे रहे बनके सेवादार हमकांधे पे
क्यों कर रिहा से तू रोले मैं तेरी दासी सु भोले तेरे संग व्याह करवाना से श्री शम्भू नाथ जी
लाये डाक कावड भोले हरिद्वार से, सारे जग में भोले की सरकार से छम छम नाचे कवाडिया बन के भोला
कालो के भी काल के हम भक्त है महाकाल के, भारत देश है हम को प्यारा रखेगे सम्बाल के हम
हरी द्वार की याद सतावे भोले कद सी बुलावे गा, शिव शंकर केलाश पति कद नील कंठ पे आवे गा,
शंकरा मेरे शंकरा……. डमक डम डमरू बाजे हो मेरा भोला नाचे सावन में घिर घिर आई घटाएं खोल दी भोले