भोले अपनी नगरिया बुलालो हम को
भोले अपनी नगरिया बुलालो हम को अपने चरणों का सेवक बना लो हम को भोले अपनी नगरिया बुलालो हम को
भोले अपनी नगरिया बुलालो हम को अपने चरणों का सेवक बना लो हम को भोले अपनी नगरिया बुलालो हम को
पर्वत पे जो रेहते करते बैल की सवारी, पर भगतो को देते है बंगले मोटर गाडी, दानी दूजा कौन होगा
धन दोलत वाले तो सदा बस्ती में रहते है भूत नाथ के दीवाने मस्ती में रेहते है भुत नाथ के
जयजय जय त्रिपुरारि जय त्रिलोचन जय दुख मोचन जय हे मंगलकारी जय जय जय त्रिपुरारि मुक्ति प्रदायक सरल तरंगे शीश
है आपके हाथों में,मेरी बिगड़ी बना देना भोले मेरी नैया को , भव पार लगा देना तुम शंख बजा करके
भोले नाथ बन के, विश्वनाथ बन के, चले आना, प्रभु जी चले आना ll तुम किसी भी, रूप में आना
हे गौरा माँ पार्वती, तेरा दूल्हा कैसे आया है ll दूल्हा कैसे आया है, तेरा दूल्हा कैसे आया है l
पंचाकक्षर मंत्र जग में निराला जो भी जपे पाए सुख का प्याला अंतर आत्मा में शिव है समाते मन में
भोला भंडारी आया, मोहन तेरी गली में । मोहन तेरी गली में, कान्हा तेरी गली में ।। इक झलक पाने
राजे हिमाचल पारवती दा जदो सी व्याह रचाया पार्वती दे बूहे अगे शिव ने नाद वजाया, गोरा दा देखो लाडा