
हम भक्त है महाकाल के
कालो के भी काल के हम भक्त है महाकाल के, भारत देश है हम को प्यारा रखेगे सम्बाल के हम

कालो के भी काल के हम भक्त है महाकाल के, भारत देश है हम को प्यारा रखेगे सम्बाल के हम

हरी द्वार की याद सतावे भोले कद सी बुलावे गा, शिव शंकर केलाश पति कद नील कंठ पे आवे गा,

शंकरा मेरे शंकरा……. डमक डम डमरू बाजे हो मेरा भोला नाचे सावन में घिर घिर आई घटाएं खोल दी भोले

भंग का पिए प्याला ओ मीठा माहदेव शंकर गले में है सर्प माला ओह मीठा महादेव शंकर, करते है नंदी

गले नाग लिपट रहे काले, मैं जीयु कैसे डर डर के ओ मेरे भोले, ये नाग किसी से नही लड़

भजा दे डमरू फिर भजा दे, ओह भोले धमक उठा दे पिके थोड़ी भंग तू आजा मेरे संग तू ठुमका

जटा में गंगा को जिसने बाँध लिया सोने की लंका का रावन को दान दिया हाथो में है तिरशूल है

बोल बम बोल बम बोले जा किस्मत अपनी खोले जा सावन की रुत आई मस्तानी रिम झिम रिमझिम बरसा रहा

मेरे भोले बाबा जटाधारी शम्भू हे नीलकंठ त्रिपुरारी हे शम्भु नंदी की सवारी है गौरा मैया साथ है डोर ये

मोर भंगिया का मनाई दे ओ भेरो नाथ मोर जोगियां का मनाई दे बातमोरी बिगड़ी बनाई दे, मोर भंगिया का