शिव का रूप सलोना भैरव देता सब सोगाते
शिव का रूप सलोना भैरव देता सब सोगाते, दर्शन मात्र से पूरी होती सब की सारी मुरादे शिव का रूप
शिव का रूप सलोना भैरव देता सब सोगाते, दर्शन मात्र से पूरी होती सब की सारी मुरादे शिव का रूप
भोले बाबा कहा छुपे हो सुध क्यों न लेते हो आया शरण जो भोले बाबा वर तुम देते हो नील
जब मोज में भोला आये डमरू हो मगन भ्जाये खोले जटाए छाए घटाए भदरा बरसे जम जम भोले रे भोले
शिव का रूप सलोना भेरव देता सब सोगाते दर्शन मात्र से पूरी होती सब की सारी मुरादे, शिव का रूप
काँधे कावड़ ठाली भोले, मन मैं धर लिया ध्यान तेरा, मेरी मंज़िल ने पार लगाईये, मानूंगा अहसान तेरा, जय भोले
ह्मा चाले विष्णु चाले चाले नंदी साथ मैं, मनै भी जाणा सै भोले मनै ले चल तेरी बरात मैं, भूत
शिव शंकर का भजन थोड़ा करले, प्रभु से मिलन का जतन थोड़ा करले, शिव के चरण बिन कहाँ है ठिकाना,
भोले को घर में बुलाये महिमा भोले की गाये चरणों में धोक लगाये और डमरू भ्जाये , भोले जी को
ओ तेरा किसने किया श्रृगारं भोले सावरिया तुम्हें किसने लगाया गुलाल भोले सावरिया ओ तेरा किसने किया श्रृगारं जटाजूट माथे
मेरी विनती है तुमसे गोरा रानी शिव जी से हमे जोड़े रखना जपु ॐ कारा गोरा रानी शिव से हमे