डमरू वाले बाबा के हम दीवाने हो गए
डमरू वाले बाबा के हम दीवाने हो गए, एक तो तेरी जटा पे गंगा दूसरा चंदा सजा तीसरा इसका चमकना
डमरू वाले बाबा के हम दीवाने हो गए, एक तो तेरी जटा पे गंगा दूसरा चंदा सजा तीसरा इसका चमकना
महिम्नः पारं ते परमविदुषो यद्यसदृशी स्तुतिर्ब्रह्मादीनामपि तदवसन्नास्त्वयि गिरः । अथाஉवाच्यः सर्वः स्वमतिपरिणामावधि गृणन् ममाप्येष स्तोत्रे हर निरपवादः परिकरः ॥ १
ओ मेरे भोले बाबा, पलका उघाड़ो सावन आ गयो। सावन क महीना में बाबा, बिल्व पत्र चढ़ावा-॥ आक धतूरा, और
ओम नमः शिवाय हरी ओम नमः शिवाय ओम नमः शिवाय हरी ओम नमः शिवाय कैलाश पर्वत तो शिवजी आये विच
शुभ शुभ शुभ ……. शिव नाम जापे जा जापे जा सुबह श्याम॥ अंत समय में आएगा यही नाम तेरे काम
तन मेरा मंदिर और मन है शिवाला , इसमें बसा है जी बस डमरू वाला, दिन रात जपता हु बस
मैं जोगन बन जाऊ गी शम्बू तोहे कारन, शम्बू तोहे कारन, बाबा तोहे कारन, मैं ढम ढम वांगु नचदी फिरा,
भोले तेरी आ मैं तेरी होके रहना दुनिया तो की लेना शेर बोलिया मैनु गंगा बना लेयो तेरे जटा विच
डमरू तेरा शिव शंकर डमरू वालिया, तेरे डमरू दी मतवाली हो गई गोरा, धरती अम्बर ते पताले धुमा पे गिया,
शिव रात दिया शिव नु बदईया, है सज गई हिमाचल दी वादी, आज शिव पारवती दी है शादी , केलाश