
तेरे सोहने सोहने शिवलिंग उते चढ़ावा जल भोलेया
तेरे सोहने सोहने शिवलिंग उते चढ़ावा जल भोलेया, तेरे सोहने सोहने चरना नु मैं बैठी मल भोलेया, तेरे सोहने सोहने

तेरे सोहने सोहने शिवलिंग उते चढ़ावा जल भोलेया, तेरे सोहने सोहने चरना नु मैं बैठी मल भोलेया, तेरे सोहने सोहने

नाचे नील कंठ मंदिर पे शंकर भोला रे डमरू बजा के भंगियाँ चडा के देदो गोला रे नाचे नील कंठ

देवो में महादेव शिव शंकर, संग है सहदेव महादेव शिव शंकर, देवो में महादेव शिव शंकर, वो है भोले बाबा

जो शिव नाम होठों पे चढ़ गया रे , तो समझो ये जीवन संवर गया रे, मन में बसा ले

अल्खनिरजन का डम डम डमरू भाजे, हाथ रहे तिरशूल माथे पे चंदा साजे, होके अडिग जो विरुद्ध सब का होके

भोले तेरे दर पे आये है दीवाने, महिमा कोई न तेरी जाने ओ शमभू, दुखिया हो या निर्धन सब को

शंकर भोला भंडारी, गर पहिरे डोमी कारी तोर लीला हावय भारी भोला गा भोला गा भोला गा, नदिया वाला गा

आजा भोले नाथ साथ में मिलके रंग जमावांगे में घोटुंगा भांग नाथ फिर पीके धुम मचावांगे तेरे भक्त की चौधर

कैसी सुंदर हिमालय नगरी भोले पैदल चले आ रहे हैं उनकी जटाओं में गंगा बिराजे वो बहाते चले आ रहे

शिव जी ने कहा आना बारात तुम सजाना, भूतो जरा बतलाना पहले खाना खाओ गे या दम लगाओ गे, जाना