मेरे भोले बाबा हो रही थारी जय जय कार
एक नहीं दो दो नहीं चार मेरे भोले बाबा हो रही थारी जय जय कार, धन धन भोले नाथ तुम्हरे
एक नहीं दो दो नहीं चार मेरे भोले बाबा हो रही थारी जय जय कार, धन धन भोले नाथ तुम्हरे
मेरे डमरू वाले बाबा ,तेरी जय जय कार मेरे नागो वाले बाबा , तेरी जय जय कार तेरी जय जय
मस्त बना देगा भोला कष्ट मिटा देगा भोला, तू ला कावड़ भोले की भाग जगा देगा भोला , जो कावड़
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥ भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥ श्री गणेश गिरिजा
जिसे ब्रह्मा भी माने रे जिसे विष्णु भी माने जिसे कृष्णा रे जिसे सारा जग जाने जब तक है भोले
अर्जी सुन्ज्यो दीनानाथ, थे तो भूता रा सरदार तेरी महिमा अपरम्पार धतूरो बोयो वन मे भांगडली गरनाई रे शिव थारा
कैसी ये लीला रचाई भोले बाबा मेरी समझ में न आई भोले बाबा कैसी ये लीला रचाई भोले बाबा मांग
गंगा जी के घाट पे आज बम बम हो रही से, शिव भोले के हाथ में हम सब की डोरी
सदाशिव थॉने कष्ट हटाणों छै, कोरोणा सें ई भारत ने आर बचाणों छै ।। स्थाई।। अंतरे सागर मंथन में सागर
भोले बाबा ने यु ही बजाया डमरू, सारा केलाश पर्वत मगन हो गया, यहाँ ब्रह्मा चले वहा विष्णु चले, माँ