डम डम डमरू बजदा भोले शंकर दा
डम डम डमरू बजदा भोले शंकर दा सोहना पर्वत लगदा भोले शंकर दा शंकर दा डम डम डमरू बजदा भोले
डम डम डमरू बजदा भोले शंकर दा सोहना पर्वत लगदा भोले शंकर दा शंकर दा डम डम डमरू बजदा भोले
कैसी शामाधि लगाई रे भोला अखियां न खोले अखियां न खोले भोला कुछ भी न बोले कैसी शामाधि लगाई रे
कैसा रच दिया खेल मेरे भोले भंडारी ने कैसा रच दिया कैसा रच दिया कैसा रच दिया खेल मेरे भोले
भोले के दरबार में दुनिया बदल जाती है गाके पहने हैं सर्पों की माला महादेव भक्तों के प्रतिपाला रमावे धूनी
भगतो की अरदास को कभू करता न ये लेट है, दुनिया को कैसे समजाओ भोला मेरा ग्रेट है, सारे जग
प्रभु इतना ध्यान देना, जब अंत समय आये, भोले इतना ध्यान देना, जब अंत समय आये, ओ भोले इतना ध्यान
शिवरात्रि का दिन आ गया सज गया डमरू वाला, बैल पे चढ़ के आ गया गौरा को ब्याहने वाला, ये
शिव जी की महिमा अपरम्पार है आया शिवरात्रि का त्यौहार है, चरणों में नतमस्तक संसार है, आया शिवरात्रि का त्यौहार
शिव ॐ शिव ॐ कहिये तेरे लगदे नही रुपैये रब ने तैनू अखियाँ दिति तैनू वि दिति मेनू वि दिति
तर्ज – मार दिया जाए या छोड़ दिया जाए क्या खिलाया जाये, तुझे क्या पिलाया जाए, बोल भोलेनाथ तुझे, क्या