आये शरण तिहारी प्रभु तार तार तू
कैलाश के निवासी नमो बार बार हु, आये शरण तिहारी प्रभु तार तार तू, भगतो को कभी शिव ने निराश
कैलाश के निवासी नमो बार बार हु, आये शरण तिहारी प्रभु तार तार तू, भगतो को कभी शिव ने निराश
पहले कावड़ उठा ले माथे तिलक लगा ले, आये भोले की नगरियां तू चली पंडाल, बम बम बम बोल बंदा,
कालो के भी काल की जय बोलो महाकाल की, माथे चंदा शीश पे गंगा गले नाग और भस्मी अंग, पार्वती
बरसो रे बरसो मेगा पुण्ये कमा लो ये शुभ अवसर आया है के बुँदे कावड पर टपका लो ये शुभ
नगर में जोगी आया यशोदा के घर आया, आके अलख जगाया अज़ब है तेरी माया, सब से बड़ा है तेरा
छोड़ के आया मैं जग तेरे दवार पर, अपनी किरपा से त्रिलोकी उधार कर, उधार कर तू बेडा पार कर
शिव को मना ले जय कारा लगाले मुख से निकले यही हर दम, भगतो बोल बम बम, भोले नाथ है
एक दिन वो भोले भंडारी, बन कर के ब्रिज नारी, गोकुल में आ गये है पार्वती भी मना के हारी,
जय जय हो भोले दाता हम सब के भाग्य्भिदाता तूने कैसी खेल रचाई, उजैन नगरी बेथ के सारे भगतो के
अरे भोला मोरे ओघड दानी अवघड़ दानी भोला बम बम भोले नाथ रे अरे भोला मोरे ओघड दानी भांग जो