
शिव तेरी ज्योत जले
शिव तेरी ज्योत जले, हमको भी शरण में ले, हम यह ही कहते चले, शिव तेरी ज्योत जले, बम भोले,

शिव तेरी ज्योत जले, हमको भी शरण में ले, हम यह ही कहते चले, शिव तेरी ज्योत जले, बम भोले,

सावन में कावड लाऊगा लॉकडाउन हटा दो भोले जी सावन में कावड लाऊगा मन मेरे में उठे माया जब जब

बम बम भोले यही वो तंत्र है यही वो मन्त्र है प्रेम से जपोगे तो मिटेंगे सारे गम कभी योगी

डम डम बाजे तेरा डमरू नाचे कावड़ियाँ दम लगा के, भाग के नशे में होलियां टली मस्ती में भर के

गंगा से गंगा जल भर के कंधे शिव की कावड़ दर के, भोले के दर चलो लेके कावड़ चलो, सावन

भोले भक्तो की लम्बी कतारे आई सावन की ठंडी फुहारे, भोले भक्तो को डर न किसी का भोले बाबा के

तेरी भगती का चढ़ रिया से रंग भोले सावन के माह कावड़िया घोटे भंग भोले सावन के माह कवाडिया की

तांडव करते शिव भडांरी ॥ धरती कांपे अबंर कांपे ॥ कांपे ऋिषटी सारी तांडव करते…………….. दकष परजापती जगन राचाया सब

मैं ते व्याह कराउना नि चाहे लोक बोलियाँ बोले चाहे लोक बोलियाँ बोले चाहे लोक बोलिया बोले मैं भोले संग

भोले भंडारी शंकर, भक्तन हितकारी शंकर, ले ले तू अपनी शरण, आया भिखारी दर पे, झोली पसारे दर पे, सच्ची