
आशुतोष सशाँक
आशुतोष सशाँक शेखर चन्द्र मौली चिदंबरा, कोटि कोटि प्रणाम शम्भू कोटि नमन दिगम्बरा, निर्विकार ओमकार अविनाशी तुम्ही देवाधि देव ,

आशुतोष सशाँक शेखर चन्द्र मौली चिदंबरा, कोटि कोटि प्रणाम शम्भू कोटि नमन दिगम्बरा, निर्विकार ओमकार अविनाशी तुम्ही देवाधि देव ,

मेरे घर के आगे भोलेनाथ तेरा मंदिर बन जाये जब खिड़की खोलू तो तेरा दर्शन हो जाये जब आरती हो

मेरा भी जी कर रहया भोले, हरिद्वार मैं आऊ मैं लोक्डाउन लग्या भोले नाथ ,बता कैसे कावड़ ल्याऊं मैं

कावड़ में गंगा जल भर के हर कावड़िया बोले, बम बम शिव भोले, शिव के भक्त मस्त होते है, बम

डमरू ढोल नगाड़े वज्दे, खुशियां दे विच बदल गज्जदे, ओ वेखो नी कहदा ए साधा दा ताड़ीपाड़ा, नी गोरा दा

शिव कैलाश नाथ है भक्तो के साथ, हरी के हम बंदे जपे हर हर गंगे, शिव चिंतन पार लगाए, शिव

ओम नमः शिवाय, ओम नमः शिवाय ll ओम सुन्दरम ओंमकार सुन्दरम ll शिव सुन्दरम शिव नाम सुन्दरम ll शिव धाम

आई है शिव रात्रि मनवा जप शिव नाम, पार्वती शिव पूजा करने भक्तो चलो शिव धाम, आई है शिव रात्रि

घोट के पी, या छानी हुई पी, या तेरे भक्तों के हाथों से पी, पीले भोले खुशी से पीले भोले”

लेके गौरा जी को साथ भोले भाले भोलेनाथ काशी नगरी से आया है शिव शंकर नंदी पे सवार होके डमरू