
नंदी की करके सवारी डमरू वाला रे भजन
नंदी की करके सवारी, डमरू वाला रे, है गले में लिपटा नाग, भुजंगा काला रे, है गले में लिपटा नाग,

नंदी की करके सवारी, डमरू वाला रे, है गले में लिपटा नाग, भुजंगा काला रे, है गले में लिपटा नाग,

दर दा भिखारी शम्बू, मैनू ठुकरावीं ना । जग ने रुलाया शम्बू, तू वी रुलावी ना ॥ चाँद ते सितारे

भोले तेरा नाम सुबहो शाम मैं लेते गुजारु, भक्ति तेरी ऐसी नशा है छोड़े से ना छूटे मैं लेते गुजारु,

डम डम डमरु भजाये शिव शंकर कैलाश पति, युग युग सोया जीव जगाये शिव शंकर कैलाश पति, माथे ऊपर तिलक

भूत प्रेत भी नाल ने सारे ,सबना दे ने रूप न्यारे, गोरा माँ न व्यावान आये देख के होइ हैरानी,

भोले की दीवानी बन जाउंगी दीवानी बन जाउंगी मस्तानी बन जाउंगी भोले की दीवानी बन जाउंगी जटा जुट पे गंगा

अरे भंग का रंग जमा हो चकाचक फिर बोलो नमः शिवाय, अरे ऎसा झटका लगे जिया पर पुनरजन्म हुई जाये,

कांवड़ उठा ले, ध्यान शिव का लगा ले, भर देंगे झोली भोले, शिव को मना ले, सावन के देखो बरसे

देखो देखो भोले जी की आ गई बारात, माथे पे चंदा गले में काले नाग, जता में गंगा विराज रही

याहा आओ दामन के फेलाने वाले याहा आके भोले के दर से मिलेगा नही मिल सका आज तक जो कही