रटो पार्वती के भरतार
रटो पार्वती के भरतार,करेंगे भव से बेड़ा पार , शिव नंदे के असवार, करेंगे भव से बेड़ा पार, कैलाश के
रटो पार्वती के भरतार,करेंगे भव से बेड़ा पार , शिव नंदे के असवार, करेंगे भव से बेड़ा पार, कैलाश के
चलो कवाडिया शिव नगरियाँ भर लो गंगा पानी जय जय बोलो भोले दानी जय जय बोलो ओघ्दानी, ॐ नम शिवाये
आ गई भोले शंकर दी आ गई बारात डम डम डमरू भोला भजावे भोला आज नचन लग पाए चन ते
श्मशानों के वासी हो भूतो का है साथ, तेरा गंगा किनारे डेरा ओ बाबा भूत नाथ, श्मशानों के वासी हो
नाम जपो भोले शंकर का नही साथ कुछ जाना है, सचा नाम है शिव का भगतो बाकी सारा फ़साना है,
जटा कटा हसंभ्रम भ्रमन्निलिम्प निर्झरी, विलोलवीचि वल्लरी विराजमान मूर्धनि धगद् धगद् धगज्ज्वलल् ललाट पट्ट पावके किशोर चन्द्र शेखरे रतिः प्रतिक्षणं
जय हो जय हो, भोले बाबा, तोरे, चरणों में मन लागा, भोले नाथ रे,,, इस जीवन की, डोर तेरे हाथ
कावड़ उठा लो शिव पे चडालो, मन चाहा वर इनसे पा लो सावन फुहार कह रही है, गंगा की धार
भोला भांग चडाये भोला चिलम चडाये भोला को लग गई भांग मस्ती में नाचे डम डम डमरू बाजे गले नाग
भक्तो के भगये को खोले रे मेरे प्रभु भोले भोले भोले, बोल बम बोल बम बोले भक्त घन डोले डोले,