
मेरा भोला पीके भंग रहे मस्त मलंग
मेरा भोला पीके भंग रहे मस्त मलंग, बैठे है कैलाश पे भोला करके नंदी सवारी, संग में गोरा गोद में

मेरा भोला पीके भंग रहे मस्त मलंग, बैठे है कैलाश पे भोला करके नंदी सवारी, संग में गोरा गोद में

चली शिव की बारात झूमे सारी काएनात, देवी देवते है साथ कैसी बनी है बात मेरे भोला जी होक तयार

हे गोरा रानी घुमादु तुझको मेला हरिद्वार का, देखो रंग चडा भगतो पे शिव चोद्स त्यौहार का, ओ भोले स्वामी

दूर उस आकाश की गहराइयों में, एक नदी से बह रहे हैं आदियोगी, शून्य सन्नाटे टपकते जा रहे हैं, मौन

शिवशंकर कैलाश पति का डम डम डमरू बाजे, डम डम डमरू बाजे शिव शक्ति कैलाश के राजे, कार्तिक संग गणपति

तर्ज : ओ साहिबा ओ साहिबा आएंगे दर पे तो बता देंगे है कितनी आस हमे ओ भोलेनाथ ओ भोलेनाथ

तू घोटा लान दे ये मोसम नीरे पसंद से अज से आगे भोले नाथ तेरी भांग बिलकुल बंद से फेर

बंदऊँ द्वादश ज्योर्तिलिँगम् बंदऊँ प्रथमं सोमनाथम् , नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय, बंदऊँ द्वितीयं मल्लिकार्जुनम् , नमः शिवाय ॐ नमः

गौरा रानी ने जपी ऐसी माला मिला है देखो डमरू वाला, मिला है जोगी मतवाला गौरा रानी ने जपी ऐसी

सुबह सुबह ले शिव का नाम करले बंदे ये शुभ काम खुद को राख लपेटे फिरते है ओरो को देते