
प्रजापति भी कावड़ लाया छोरा कुम्हार का
बम बम भोले करता आया देवो के देव का प्रजापति भी कावड लाया छोरा कुमार का काँधे कावड उठा के

बम बम भोले करता आया देवो के देव का प्रजापति भी कावड लाया छोरा कुमार का काँधे कावड उठा के

सापा दी माला पा के तन ते,फिरे बबुती ला के, मथे ओहदेचाँद बिराजे,बेल ते चढ़ के औंदा, नी गोरा तेरा

जय श्री महाकाल मै यादों का किस्सा खोलूँ तो, महाकाल बहुत याद आते हैं. मै गुजरे पल को सोचूँ तो,

शीश पे चंदा जटा में गंगा तन पे भस्म रमाते हो त्रिकुंड धारी त्रिनेत्र धारी कर तेरे तिरशूल विराजे, भोले

डिम डिम डमरू भ्जाये शम्भु, सारे जहां को नचाये शम्भु, घोटे पे घोटा लगाये शम्भु मौज में जिस दिन आये

जय शिव शंकर जय शंकर भोले सब देवो में देव निराले बम बम भोले, महादेव तुम ने ही तो सब

दूल्हा बने भोले नाथ जी हमारे, चली बारात गोरा जी के द्वारे, इस दूल्हे पे जग है दीवाना, दूल्हा बने

बम लेहरी केहता है कोई कहता है डमरू वाला दो पल ध्यान लगा के जिस ने जो माँगा दे डाला

भोले तेरी जटा से बहती है धार गंगा, गंगा जल के स्पर्श से हो जाता काम चंगा, भोले ओ मेरे

चल भोले जी के कावड़ चढ़ा ले, कंधे अपने तू कावड़ उठा ले, काम तेरा हो जाएगा जो मांगे तू