
जय शिवशंकर
जय शिवशंकर, जय गंगाधर, करुणा-कर करतार हरे, जय कैलाशी, जय अविनाशी, सुखराशि, सुख-सार हरे जय शशि-शेखर, जय डमरू-धर जय-जय प्रेमागार

जय शिवशंकर, जय गंगाधर, करुणा-कर करतार हरे, जय कैलाशी, जय अविनाशी, सुखराशि, सुख-सार हरे जय शशि-शेखर, जय डमरू-धर जय-जय प्रेमागार

हे महादेव मेरी लाज रहे | मेरी लाज रहे, तेरा राज रहे || जहर कंठ में, नाग गले में, आग

रेहमत बरसा देना तू फागुन आया है गंगा के जल को लाने का मौसम आया है कंधे पे उठा के

जग में शिव के नाम का डंका भाजे है, भोले बाबा भगतो के रखवाले है, हाथ में जिनके तिरशूल साजे,

आज सोमवार मैं आया तेरे द्वार, सुनले मेरी सुनले मेरी सुनले मेरी पुकार, दे दे मुझको ऑडी कार, ओ मेरे

बाघम बरम भस्माम बरम, जटा जूट निवास आसन जमाए बैठे है, कृपासिंधु कैलाश भोले तेरी जटा में, बहती है गंग

की जिक्र करता है दिल सुबह शाम तेरा गिरतें हैं आँसू तो बनता है नाम तेरा किसी और को क्यों

ऐसी सुबह ना आये आये ना ऐसी शाम, जिस दिन जुबा पे मेरी आये न शिव का नाम, ऐसी सुबह

नचिये गाइये मस्त हो जाइये भगत प्यारेया संग, मेरा शिव भोला भोला मस्त मलंग, शंकर जी ने रंग ते सारे

शिव शंकर मेरे शम्भू नाथ रे, तीनो लोक में महिमा अप्रम पार रे, सिर माथे चंदा रमा की चमकार रे,