चलरे कांवरिया भर के गगरिया
चल रे कांवरिया भर के गगरिया,॥ मुढ़ी हर कदम तेरा बोल के बम बम, चल भोले के दर पे… कट
चल रे कांवरिया भर के गगरिया,॥ मुढ़ी हर कदम तेरा बोल के बम बम, चल भोले के दर पे… कट
पर्वत पर प्यारा लागो जी कमलेश्वर भोला नाथ, कमलेश्वर भोला नाथ रे तिलस्वां का भोला नाथ ॥ शरणे पड्या
खाले बाजरे की रोटी भोलेनाथ भांग पीनी भूल जाओगे बाजरे की रोटी भोले बनी है कमाल की देसी घी डाल
देवो ने दिया है महादेव का खिताब मेरा भोला लाजवाब इसका कोई न जवाब सिर पे गंगा मैया और आँखों
अरदास हमारी है आधार तुम्हारा है, स्वीकार करो बाबा, प्रणाम हमारा है, नैनो में रमे हो तुम मेरे दिल में
सबना दा रखवाला ओ शिवजी डमरूवाला जी, डमरू वाला उपर कैलाश रहंदा भोले नाथ जी, शंभु धर्मियो जो तारदे शिवजी
रल मिल सखियाँ आखन लगियाँ लाडा किथों आया, इस लाडे ने दुनिया नालो वखरा वेश बनाया, नि एह केहड़े पिंडो
कोई पंजाब से कोई अम्बाला से, कोई पटना से कोई पतलिया से कावरियो की टोली आई, कंधे पे उठा लो
रूप गोपी का सूंदर सजा के चले है भोले रास देखने, मुखड़ा घुंगट में अपना छिपा के चले है भपा
घोट घोट के पी ले तू शंकर दी बूटी, तू पी लै भगता पी लै शंकर दी बूटी, रगड रगड