
आज सोमवार है शिव शंकर का वार है
आज सोमवार है शिव शंकर का वार है, ये सच्चा दरबार है श्रद्धा से जल जो भी चढ़ाये उसका वेडा

आज सोमवार है शिव शंकर का वार है, ये सच्चा दरबार है श्रद्धा से जल जो भी चढ़ाये उसका वेडा

मैंने मेहँदी लगाई रे शिव नाम की, मेरी चूडियो में शिव मेरी चुनरी में शिव, मैंने नथुनी गड़ाई रे शिव

हम तुम्हारे है कांवरियां शिवम्. दर्शन बिना अब तो ना रुके गे कदम चलते जाये गे कदम, हम तुम्हारे है

सुन मेरी गोरा मान ले कहना लादे भाँग का घोटा रे, छोड़ के सारे कामा ने मने पियादे भाँग का

वर तेरा निक्का जेहा गोरा, जिहदे नाल लगी है तू करन विवाह, जिस दी खातिर गोरा हथ विच महंगी लगाई,,

बजा दे डमरू फिर बजा दे ओ भोले दमक उठा दे पी के थोड़ी भंग तू आजा मेरे संग तू

कैसी अध्भुत देखो आज रात आ गई, संग भोले के भूतो की बरात आ गई, पी भांग धतूरा बने पुरे

शिव शिव शिव रट ले रे बंदे, जीवन है ये थोडा दोडा जाए रे समे का घोडा शिव शिव शिव

तेरी जय शिव शंकर भोले नाथ, हे गंगाधर महाकालेश्वर तेरी पूजा करे सब दिन और रात, तेरी जय शिव शंकर

हार गया मैं अब दुख सह के अब न रहा हिम्मत मेरे तन में, आ जाओ है मेरे प्रभु जी