
महादेव का जय कारा जय कारा
महाकाल की दिव्ये धारा पर पावन सावन छाया, कावड़ियों का रंग गेरहुआ केसर सा बिखराया, रिमझिम बुहार बम बम बुहार

महाकाल की दिव्ये धारा पर पावन सावन छाया, कावड़ियों का रंग गेरहुआ केसर सा बिखराया, रिमझिम बुहार बम बम बुहार

भोले भोले हो रही शिव भोले भोले, यही मंत्र है सब से बड़ा बम बम योगी बोले, भोले भोले हो

भंगियाँ जरा पीस दो ओ गोरा रानी, नसेड़ी बनाना छोड़ दो ओह भोले वरदानी आज बड़ी मुश्किल से लाया हु

कैलाशी बम भोला नाचे डमरू भाजे हा हा भाजे डम डम डम, भंडारी शिव भोला नाचे ,डमरू भाजे हा हा

जय जय भोला भंडारी जय जय भोला भंडारी, भंग पी के मस्ती में नाचे भोला भंडारी, पार न पाया कोई

तेरा डम डम डमरू भाजे गा कावड़ियाँ छम छम नाचेगा, कावड़ियाँ रुन जून नाचेगा, कावड़ भोले तेरी धरि है कंधे

सुन बाग दे अंदर वडके बाबे दा डमरू बोल रेहा तू डम दी ताल च तड़फे बाबे दा डमरू बोल

शीश गंग अर्धंग पार्वती, सदा विराजत कैलासी, नंदी भृंगी नृत्य करत हैं, धरत ध्यान सुर सुखरासी, शीतल मन्द सुगन्ध पवन,

भोले तेरे नाम के दीवाने आये है कावड़ तेरे नाम की उठाने आये, पी के तेरे नाम की भुटटी चढ़

बम भोले शिव भोले को जो रिझाना हो, पुराण सा काज करना हो गंगा जल शिव पे चढ़ा देना, कावड़िया