
कावड़ियाँ छम छम नाचेगा
तेरा डम डम डमरू भाजे गा कावड़ियाँ छम छम नाचेगा, कावड़ियाँ रुन जून नाचेगा, कावड़ भोले तेरी धरि है कंधे
तेरा डम डम डमरू भाजे गा कावड़ियाँ छम छम नाचेगा, कावड़ियाँ रुन जून नाचेगा, कावड़ भोले तेरी धरि है कंधे
सुन बाग दे अंदर वडके बाबे दा डमरू बोल रेहा तू डम दी ताल च तड़फे बाबे दा डमरू बोल
शीश गंग अर्धंग पार्वती, सदा विराजत कैलासी, नंदी भृंगी नृत्य करत हैं, धरत ध्यान सुर सुखरासी, शीतल मन्द सुगन्ध पवन,
भोले तेरे नाम के दीवाने आये है कावड़ तेरे नाम की उठाने आये, पी के तेरे नाम की भुटटी चढ़
बम भोले शिव भोले को जो रिझाना हो, पुराण सा काज करना हो गंगा जल शिव पे चढ़ा देना, कावड़िया
तेरा प्यार भोले हम पाके रहेंगे, चाहे लाख ठुकराओ आते रहे गे, तेरा नाम लेकर ही जीते रहेंगे, तेरा नाम
जय हो जय भोला भंडारी बाबा जी की महिमा न्यारी, सब को देते बुलेट सफारी खुद करते है बेल सवारी,
नशा भांग का चढ़ गया गोरा मुझे देखा दिखाई कोई न, और पीलादे और पीलादे तेरे समाई कोई न, डगमग
नंदी दी करके सवारी डमरू वाला रे, है गले में लिपटा नाग बुजंगा काला रे, आये है व्याह रचाने गोरा
शिव के नाम की माला जपले गंगा जल को कलश में भर ले, चल कावड़िया शिव के द्वार, शिव ही