बोलो हर हर हर महादेव
आग बहे तेरी रग में तुझसा कहाँ कोई जग में है वक़्त का तू ही तो पहला पहर तू आँख
आग बहे तेरी रग में तुझसा कहाँ कोई जग में है वक़्त का तू ही तो पहला पहर तू आँख
शिव जी की महिमा अपरम्पार है आया शिवरात्रि का त्यौहार है चरणों में नतमस्तक संसार है आया शिवरात्रि का त्यौहार
सुबह सुबह निस दिन जाया कर शिव के मंदिर सुबह सुबह तू उठ के निस दिन शिव के मंदिर जाया
शिव भोले दी जटा च गंगा तर झंडा है हर इक बंदा, हाथ त्रिशूले फब दा रगड़ा शंकर दा, मस्ती
अहो उमापति अधीर भक्त की व्यथा हरो, दयालु विशव नाथ दीन हीन पर दया करो अहो उमापति अधीर भक्त की
भोले नाथ ने पुकारा, चल चल मेरे यारा, चल चल मेरे यारा, भोले नाथ ने पुकारा, चल चल मेरे यारा,
देखो नंदी पे चढ़ के आया भोले बाबा ने ब्याह रचाया ना टाई ना सूट ना पैरो में बूट मृगछाला
अजब है रूप और अजब तेरी हस्ती, चढ़ी है भोले तेरे नाम वाली मस्ती । मस्ती में झूमे जग सारा
भोले नाथ की बूटी है ये हरि वान का बूटा, चिलम लगा ले दिल को छू ले महादेव का सूटा,
जदो भजदा बदल वांगु गज दा डमरू शंकर दा, डम डम डम वज्दा डमरू शंकर दा, अम्ब्रा ते वजेया पताल