तेरे चलाये से चले कावड़ गरीब की
तेरे चलाये से चले कावड़ गरीब की, हाथो मे तेरे सौंप दी मैंने ये ज़िंदगी, तेरे चलाये से चले कावड़
तेरे चलाये से चले कावड़ गरीब की, हाथो मे तेरे सौंप दी मैंने ये ज़िंदगी, तेरे चलाये से चले कावड़
आया महीना सावन का मैं, हरिद्वार को जाउंगा, भोले की कांवड़़ लाउंगा, मैं हर की पोड़ी जाउगा, गंगा में गोता
साईं तुम्हारे नाम से गुजारा हमारा, रहे हमेशा हम भक्तो के सिर पे हाथ तुमहरा, साईं तुम्हारे नाम से गुजारा
बम बम भोले जय शिव भोले शंकर भोले नाम तेरा, लगा समाधि भस्म रमाये ऊचे पर्वत पे डेरा, जता में
शिव के प्यारे गणेश, काटो विघन कलेश , मेरे अंगना पधारो मैं तर जाऊंगा , इक दया की नजर आप
पार्वती दे बूहे आगे शिवा ने नाथ बजाया, देखो लढ़ा गोरा दा चढ़ बेल ते आया, केडा है लढ़ा केहड़े
जय शिव शंकर औघड़दानी जय शिव शंकर औघड़दानी , विश्वनाथ विश्वम्भर स्वामी सकल बिस्व के सिरजन हारे , पालक रक्षक
ओ शंकर मेरे कब होंगे दर्शन तेरे | जीवन पथ पर, शाम सवेरे छाए है घनघोर अँधेरे || मै मूरख
सुन ले रे भोले भाले मेरे पाँव पड़ गए छाले, मेरा दिल गबराता है अब लेले मेरी खबरियां मुझे चैन
सावन में तेरा मेला आया, कावडियों के जल चढ़ाया……. भोले में तेरे दर पे आया , तेरे दर पे शीश