मत कर मोह तू हरि भजन को मान रे
मत कर मोह तू, हरि भजन को मान रे तू । हरि भजन को मान रे तू… नयन दिए दर्शन
मत कर मोह तू, हरि भजन को मान रे तू । हरि भजन को मान रे तू… नयन दिए दर्शन
ऐसा है मेरे श्री हरि का नाम , कैसे उनका करूँ गुणगान, बाकी कोई न करुणानिधान . ऐसा है मेरे…..
मन तो तेरा ही भजन करे हीरे गुरुदेव सांवरिया मेरे गुरुदेव सांवरिया मेरे घनश्याम सांवरिया मेरे, एक बाग मैंने ऐसा
हथ जोड़ के बेह गया हूँ मैं बस एह अरदासा करदा रोटी खा लै ठाकुरा वे मियन मिनता तेरिया करदा
देव धणी को मन्दिर प्यारो , मालासेरी गाँव जी, साडू मां का लाल थांको , जग में मोटो नाम जी.
मेरा छोटा सा संसार, हरि आ जाओ एक बार ll *हरि आ जाओ, प्रभु आ जाओ l *मेरी नईया, पार
मन तड़पत हरि दरशन को आज ॥ मन तड़पत हरि दरशन को आज ॥ मोरे तुम बिन बिगड़े सकल काज
कहां छुपा बैठा है अब तक वह सच्चा इंसान, खोजते जिसे स्वयं भगवान, जिसने रूखा सूखा खाया , पर न
तू दयालु दीं मैं तू दानी मैं भिखारी, मैं प्रिशिद पात की तू पाप पुंज हारी, तू दयालु दीं मैं
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा भक्तो को तारा तो क्या तुम ने तारा, रो रो के