
लघुविष्णु सहस्त्र नाम स्तोत्रम्
अगर हम विष्णुपुराण वर्णित लघुविष्णुसहस्रनाम का ही पाठ करें तो निश्चित ही विष्णु सहस्रनाम का फल मिल जाता है। अलं
अगर हम विष्णुपुराण वर्णित लघुविष्णुसहस्रनाम का ही पाठ करें तो निश्चित ही विष्णु सहस्रनाम का फल मिल जाता है। अलं
मन तो तेरा ही भजन करे हीरे गुरुदेव सांवरिया मेरे गुरुदेव सांवरिया मेरे घनश्याम सांवरिया मेरे, एक बाग मैंने ऐसा
ऐसा है मेरे श्री हरि का नाम , कैसे उनका करूँ गुणगान, बाकी कोई न करुणानिधान . ऐसा है मेरे…..
मत कर मोह तू, हरि भजन को मान रे तू । हरि भजन को मान रे तू… नयन दिए दर्शन
देव धणी को मन्दिर प्यारो , मालासेरी गाँव जी, साडू मां का लाल थांको , जग में मोटो नाम जी.
मेरा छोटा सा संसार, हरि आ जाओ एक बार ll *हरि आ जाओ, प्रभु आ जाओ l *मेरी नईया, पार
हथ जोड़ के बेह गया हूँ मैं बस एह अरदासा करदा रोटी खा लै ठाकुरा वे मियन मिनता तेरिया करदा
मन तड़पत हरि दरशन को आज ॥ मन तड़पत हरि दरशन को आज ॥ मोरे तुम बिन बिगड़े सकल काज
कहां छुपा बैठा है अब तक वह सच्चा इंसान, खोजते जिसे स्वयं भगवान, जिसने रूखा सूखा खाया , पर न
तू दयालु दीं मैं तू दानी मैं भिखारी, मैं प्रिशिद पात की तू पाप पुंज हारी, तू दयालु दीं मैं