श्रीमन नारायण नारायण
श्रीमन नारायण नारायण नारायण श्रीमन नारायण नारायण नारायण बद्रीनारायण नारायण नारायण श्रीमन नारायण नारायण नारायण लष्मी नारायण नारायण नारायण श्रीमन
श्रीमन नारायण नारायण नारायण श्रीमन नारायण नारायण नारायण बद्रीनारायण नारायण नारायण श्रीमन नारायण नारायण नारायण लष्मी नारायण नारायण नारायण श्रीमन
नाम तुम्हारा तारनहारा,कब तेरा दर्शन होगा, जिस की रचना इतनी सुंदर वो कितना सुंदर होगा सुर नर मुनि जन तुम
आपको ही आसरो है,आपको ही शरणो है, आपके ही चरणो में,जीणो ओर मरणो है, आप ही माता-पिता,कुटुम्ब परिवार हो, भाई
भाद्रिनाथ जय जय भाद्रिनाथ, भक्ति भजन में चित रमे तो समय की किस को ध्यान, दिन कट जाएँ पलों के
गीता में भी यही लिखा है, यही है वेद पुराण में क्यों भगवान को दर दर ढूंढे, वो है हर
मन धीर धरो, घबराओ नहीं, भगवान मिलेंगे, कभी न कभी ll भगवान मिलेंगे, कभी न कभी, भगवान मिलेंगे, कभी न
थारो जनम बरबाद मत कीजो रे, कु संग मे कु संगत मे कु मति आवे,कु मति तुमको कु कर्म करावे
बता दो जगत के मालिक,तेरा दीदार कहाँ होंगा, कोई ढूढे है काशी मे,कोई ढूढे है काबे में, पता नही चला
आएगा जब रे बुलावा हरी का छोड़ के सब कुछ जाना पड़ेगा नाम हरी का साथ जायेगा और तू कुछ
ॐ नमो नारायणाय, ॐ नमो नारायणाय, ॐ नमो नारायणाय। नारायण श्री नारायण, भज ले रे मन नारायण। भवभय भंजन, जन