बिना तुम्हारे कौन उबारे
बिना तुम्हारे कौन उबारे भटकी नाव हमारी किनारा खो गया है, तुम्ही रैया तुम्ही खिवैयाँ किनारा खो गया है, तारण
बिना तुम्हारे कौन उबारे भटकी नाव हमारी किनारा खो गया है, तुम्ही रैया तुम्ही खिवैयाँ किनारा खो गया है, तारण
मारन वाले से ज्यादा वो बड़ा बचाने वाला, उस दुश्मन क्या मारेगा जिसका भगवन रखवाला शावक हांडी में दब गये,
मेरा छोटा सा संसार,हरि आ जाओ एक बार । हरि आ जाओ हरि आ जाओ,मेरी बिगड़ी आज बना जाओ ॥
श्रद्धा से हमने श्री हरि यश को गाना है हरि नाम की महिमा को जग ने माना है प्रभु नाम
उलझनों की ये सुलझे लड़ी तू राम भजले, ओ श्याम भजले तू नाम भजले घड़ी दो घड़ी” नाम सुमिरन का
श्री मन नारायण, भज मन नारायण ll *हरि, नारायण नारायण नारायण ll *लक्ष्मी, नारायण नारायण नारायण ll श्री मन नारायण,
आपकी शरण में आया,अपनालो दाता मेरे, भटक रहा था जिसके लिये,मिल गए मालिक मेरे , आप मेरी जिन्दगी हो,मै आपका
मेरी बांह पकड़ लो एक वार, हरि एक वार प्रभु एक वार ॥ यह जग्ग अति गहरा सागर है, सिर
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे । भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट, क्षण में दूर
कमलाकांत प्रभु कमलनयन स्वामी, घट घट वासी अंतर्यामी । नारायण दीनदयाल, जय जगदीश हरे । निज भक्तन के प्रतिपाल, जय