
चाँद जैसे चोथ को मेरा बालमा
चाँद जैसे चोथ को मेरा बालमा चाँद से भी है प्यारा मेरा साजना, मैंने उपवास रखा पिया के लिए जो

चाँद जैसे चोथ को मेरा बालमा चाँद से भी है प्यारा मेरा साजना, मैंने उपवास रखा पिया के लिए जो

अनमोल तेरा जीवन यूँही गँवा रहा है किस और तेरी मंजिल,किस और जा रहा है अनमोल तेरा जीवन यूँही गँवा

औरों की सेवा करना बड़े भाव से सेवा करना जिनका पहला काम है ऐसी रूहों को हमारा दिल से प्रणाम

मेरी सुरति सुहागन जाग री, जाग री…हो जाग री…. जाग री…हो जाग री…. मेरी सुरति सुहागन जाग री, क्या तू

सारे गाम में दादा तेरा रुका हो रहया से, यो पालम का छोरा दादा तेरा हो रहया से, घोड़ा तेरा

एक दिन मटिया में सबही के सिंगार होइ जब पिजरा से पंक्षी फरार होइ नाती नाते दार, काम नहीं अइहय

जिनके हृदय श्री राम बसे, तिन और का नाम लियो ना लियो । कोई मांगे कंचन सी काया, मोई मांग

मदिरा पी कर के नाचे ये माहरो भेरू कमली मदिरा पे कर के, भेरू जी ने मदिरा प्यारी सारो जग

एक डोली चली एक अर्थी चली, डोली अर्थी से कुछ युँ कहने लगी, रस्ता तूने मेरा क्यों ये खोटा किया

एक हमें आवारा कहना कोई बड़ा इल्ज़ाम नहीं दुनिया वाले दिल वालों को और बहुत कुछ कहते हैं वोही मिज़ाज