वेद शास्त्र ढुंढ लिए
वेद शास्त्र ढुंढ लिए एक ओम बराबर ना कौन्या श्रवण जैसा पुत जगत में कोशल्या सी मां कौन्या कोन्या ताल
वेद शास्त्र ढुंढ लिए एक ओम बराबर ना कौन्या श्रवण जैसा पुत जगत में कोशल्या सी मां कौन्या कोन्या ताल
प्यार की राह में चलना सीख, इश्क़ की आग में जलना सीख मैं तुझसे दिल की बात कह तो दूँ,
साहेब तमारी साहेबी,सब घट रही समाय, जो मेहंदी के पाथ में, लाली लखी ना जाए। लाली मेरे लाल की, जीत
धरती रोई अम्बर रोया रोये चाँद सितारे, मों तमाशा देख बेटी का विनती करते सारे. मत बेटी मारो मत बेटी
करना सेवा सत्कार, करना हर किसी से प्यार, न कभी भी किसी का दिल दुखाना रे । लेके जग से
जय जय सूर्ये देवा जय जय सूर्ये देवा, तुम मंगल कारी त्रिगुण स्वरूपा, जय जय सूर्ये देवा जय जय सूर्ये
मंदिर मस्जिद गुरूद्वारे को नदान बदल के क्या होगा अगर श्रधा नही विस्वाश नही भगवान् बदल के क्या होगा जब
ਓ ਬੰਦਿਆ ਇਸ ਜੱਗ ਵਿਚ ਤੂ ਆਇਆ, ਜਨਮ ਲਈ ਤੈਂ ਗਵਾਇਆ ਓ ਰਾਮ ਕੇਹੜੇ ਵੇਲੇ ਜਪਣਾ ਨਿਮਾਣੀਏ ਜਿੰਦੇ ਓ ਰਾਮ
क्यूँ पानी मे मल मल नहाये, मन की मैल उतार दो प्यारे , मन की मैल उतार , क्यूँ पानी
सर्व विघ्ननाशक भगवान कृपा करो हे कृपा निधान सर्व विघ्ननाशक भगवान मेरी शूद्र वासना क्षय हो मेरा चित्त तुम्ही में