
कुसंगत मे जाये मत ना
सुन सुन है म्हारी काया ऐ लाड़ली काया के दाग़ लगाए मत ना कुसंगत मे जाये मत ना या काया

सुन सुन है म्हारी काया ऐ लाड़ली काया के दाग़ लगाए मत ना कुसंगत मे जाये मत ना या काया

नीले आकाश पे रहने वाले, अपनी छाया में हमको छिपा ले, हम खिलोनों के बस में ही क्या है, जैसे

परिवार का बोझा जो , कंधो पे ढोता है , कोई और नहीं प्यारे , वो बाप ही होता है,

जिस भजन में राम का नाम ना हो, उस भजन को गाना ना चाहिए। चाहे बेटा कितना प्यारा हो, उसे

हम तो आए हैं बाबा रूनीचा गांव में प्यार की छाव मे बैठाए रखना रामापीर रामापीर क्या कहूँ मैं बाबा

जो विधि कर्म में लिखे विधाता, मिटाने वाला कोई नहीं, “वक्त पड़े पर गज़ भर कपड़ा, देने वाला कोई नहीं”

दादा खेडे तेरे नाम की खटक कसुती लागी स, ज्योत जगादी तेरी ज्योत जगादी स हलवा पुरी खीर बनाके करया

बाबो भली करे बाबो भली करे तू जय बाबे री बोल, बाबो भली करे यो नाम बड़ो अनमोल, बाबो भली

हे सूर्ये नारायण ये विनती हमारी, सदा खुश रहे बस तुम्हारे पुजारी, जो चलती है सांसे ये तेरा कर्म है

आन बाण और शान है जो अग्रवाल समाज की , मिलकर सारे जय बोलो अग्रसेन महाराज की । मात भगवती