इस जमने में कलेजा तक हिला देते है लोग
इस ज़माने में कलेजा तक हिला देते है लोग , सगे भाई को जहर हसकर पिला देते है लोग, पैसा
इस ज़माने में कलेजा तक हिला देते है लोग , सगे भाई को जहर हसकर पिला देते है लोग, पैसा
मंगसिर नवमी मेलो है भारी झुंझुनू जाने की करली है तयारी, चालो जी बेगा चालो दादी का दर्शन पा लेयो
दोहा: जो भी चाहे मांग ले, भगवान् के भण्डार से, कोई भी जाए ना खाली हाथ इस दरबार से। जगत
मत कर तूँ, अभिमान रे बन्दे, झूठी तेरी, शान रे, मत कर तूँ अभिमान ll तेरे जैसे, लाखोंआए, लाखों इस,
मेरी साइयाँ ने फड़ ली है बाह हुन गुड्डी अम्बरा ते, ओहने हां च मिला दिति हां,हुन गुड्डी अम्बरा ते
थारो दूध छे केवल ब्रम्ह , संजोणी हरी की कामधेनु हो कामधेनु तो आकाश रहती , ह्रदय चारो चरती तिरवेणी
आज थलवट धरा ऊपर, भलो उग्यो भाण जी, आज थलवट धरा ऊपर, भलो उग्यो भाण जी, आदि शक्ति हिंगला चा,
जप ले हरी का तू नाम, नाम भोले प्राणी आएगा बस यही काम, काम भोले प्राणी कौड़ी कौड़ी माया जोड़ी,
कमाओ हीरा या मोती कफ़न में जेब नहीं होती. चाहे खाओ छप्पन व्यंजन , चाहे खाओ रूखी और लवण ,
मत कर तू अभिमान रे बंदे, जूठी तेरी शान रे । मत कर तू अभिमान ॥ तेरे जैसे लाखों आये,