
मीठा मीठा बोल तेरा क्या बिगड़े
मीठा मीठा बोल तेरा क्या बिगड़े वीर वीर बोल तेरा क्या बिगड़े, इस संसार में दम नहीं कब निकले जान
मीठा मीठा बोल तेरा क्या बिगड़े वीर वीर बोल तेरा क्या बिगड़े, इस संसार में दम नहीं कब निकले जान
पाला पाला चालो बाबो भली करेला, धाम रुणिचे वालो बाबो भली करेला, माथे चाहे तपे तावड़ो,मत इरसु घबराओ जी, जय
निन्द्रा बेच दू कोई ले तो, रामो राम रटे तो तेरो मायाजाल कटेगी, भाव राख सतसंग में जावो, चित में
जिंदगी में हजारो का मेला जुड़ा, हंस जब भी उड़ा अकेला उड़ा, राज राजा रहे न वो रानी रही, न
करले रे मन सच्चे प्रभु का तू वंदन, मात पिता सा दूजा नहीं कोई भगवान, करले रे मन सच्चे प्रभु
सब कुछ मिलता जाता है माँ बाप नहीं मिलते, ज़िंदगी भर पछताते जो कदर नहीं करते, माँ बाप से बढ़
कोई माँ तेरे जैसे दौलत नहीं है, जरा सी भी तुझमे नफरत नहीं है, कोई माँ तेरे जैसे दौलत नहीं
इतरा ना इतना बंदे दो दिन की जिन्दगानी, पानी का है बुलबला हो जाए फिर रवानी, जीवन में करले अच्छे
जे चले हो सरहन्द नूं मेरे प्यारियो, मेरे लाला दे नाल रहके रात गुजारियो, जद हवा चलेगी ठंडी तन नु
इक सांस आये रे,इक सांस जाए रे जियरा भी पास में फसता जाए रे । सांस पहर बन ढलता जाए,