मुक्ति का कोई तूँ जतन करले
मुक्ति का कोई तूँ जतन करले रे, रोज थोड़ा थोड़ा हरी का भजन करले । मुक्ति का कोई तूँ …
मुक्ति का कोई तूँ जतन करले रे, रोज थोड़ा थोड़ा हरी का भजन करले । मुक्ति का कोई तूँ …
आज बांटे रक्शा बंधन के त्यौहार भाइयाँ, हम से राखी बंधवा ला तू हमार भाइयाँ, आज बांटे रक्शा बंधन के
पिता जैसा नही कोई है निरभा दुनिया में, पिता ब्रह्मा पिता विष्णु पिता भगवान दुनिया में, ये बचो के लिए
ਸ਼ੇਅਰ: ਹਰ ਇਕ ਦੀ ਨੇੜੇ ਹੋ ਸੁਣਦਾ, ਐਸੀ ਦਾਤਾ ਖੇਡ ਰਚਾਈ ਹੋਈ ਏ । ਓ ਜਿੰਨੀ
ਚੱਲ ਹੋ ਜਾ ਫਕੀਰ ਛੱਡ ਦੇ ਦੁਨੀਆਂ ਵਾਲੀ ਮੌਜ ਨੂੰ ਦੁਨੀਆਂ ਵਾਲੀ ਮੌਜ ਨੂੰ ਮੋਹ ਮਾਇਆ ਦੇ ਰੋਗ ਨੂੰ ਚੱਲ
इक्क दिन छड्ड जाना दुनिया दे रंगीले भाग नु, गठ बन ले तू बन्देया सत्गुरा दी इस बात नु, इक्क
ये गर्व भरा मस्तक मेरा प्रभु चरण धूल तक झुकने दे, अहंकार विकार भरे मन को, निज नज़्म की माला
ਵਾਟਾਂ ਲੰਮੀਆ ਤੇ ਰਸਤਾ ਪਹਾੜ ਦਾ, ਤੁਰੇ ਜਾਂਦੇ ਗੁਰਾਂ ਦੇ ਦੋ ਲਾਲ ਜੀ ਸਰਸਾ ਨਦੀ ਤੇ ਵਿਛੋੜਾ ਪੈ ਗਿਆ, ਉਸ
दोनों कुल की लाज लाड़ली रखना आज संभाल बाबुल का घर जन्म भूमि है कर्म भूमि ससुराल भाई की लाडो
चार वेद के शास्त्र देख लो ओम सरेखा नाम नहीं सरवन जैसा नहीं रे सेवक कोशल्या सी माता नहीं सीता