
मारने वाला हैं भगवान
बचाने वाला हैं भगवान
श्री कृष्णःशरणं ममजय श्रीकृष्ण ‼श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,हे नाथ नारायण वासुदेवाय !!! मारने वाला हैं भगवानबचाने वाला हैं भगवानबाल न

श्री कृष्णःशरणं ममजय श्रीकृष्ण ‼श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,हे नाथ नारायण वासुदेवाय !!! मारने वाला हैं भगवानबचाने वाला हैं भगवानबाल न

तेरे नाम से जी लू तेरे नाम से मर जाऊँऐसा वर दो हर गयारस को तेरे दर्शन पाऊँजब भी मैं

हे प्राणधन कान्हा प्रियकान्त प्यारे जु सुनो, माधव छू लूँ तुझे या ,तुझ में ही बस जाऊँ कोई तो ऐसा

केवल तुहें पुकारूँ प्रियतम ! देखूँ एक तुहारी ओर।अर्पण कर निजको चरणोंमें बैठूँ हो निश्चिन्त, विभोर॥ केवल तुहें पुकारूँ प्रियतम

राखी के धागों के संग-संग…राह तुम्हारी देखूँगा मैं,देर नहीं, नहीं कोई बहाना।राखी के धागों के संग-संग,थोड़ा बचपन भी ले आना।

माटी का पुतला ये नर तन,क्या हरदम रह पायेगा।नाम प्रभु का लेले रे बंदे,ये ही साथ निभायेगा।पूजा, अर्चन, ध्यान न

आज मेरे घर आना भक्तों आज मेरे घर कीर्तन है,आज मेरे घर आना भक्तों आज मेरे घर कीर्तन है।। नींद

कहां छुप गए भाव स्नेह के, मेरा सूना हुआ संसार,सुख गए सब श्रोत स्नेह के,मेरे अंता स्थल का प्यार,ऐसे दीन

।। जय जय सुरनायक जन सुखदायक प्रनतपाल भगवंता। गो द्विज हितकारी जय असुरारी सिंधुसुता प्रिय कंता।। पालन सुर धरनी अद्भुत

बीता समय हाथ नहीं आये,सोच समझ अज्ञानीथोडी बची है तेरी जिंदगानी।। गर्भमास में कौल किया,तूने सारी सुध विसराई।कर्म रेख नहीं