ये बेटियां ये बेटियां
नाजुक सी है कोमल सी है घर का उजाला है कुम कुम है हर घर का तुलसी के माना है
नाजुक सी है कोमल सी है घर का उजाला है कुम कुम है हर घर का तुलसी के माना है
मुझको प्रभु ले के जग में तू आया तेरा शुक्रिया है ,तेरा शुक्रिया है माता पिता का दिया प्यार मुझको
(तर्ज – बाबुल का ये घर गोरी……) दादा तेरे भगतो को, तेरा ही सहारा है, तेरे बिना दुनिया में, कहो
हे योगेशवर हे परमेश्वर ऐसी किरपा प्रभु हम सब पे कर सत्य मार्ग के बन कर सादक बड़ते रहे सदा
जगत में कोई ना परमानेंट, तेल चमेली या फिर साबुन, तेल चमेली चन्दन साबुन चाहे लगा लो सेंट, जगत में
माया का लोभी मत कर अभिमान मिल्यो अवसर तुख भज हरी नाम या माया रे जसी तरुवर की छाया या
बहुत ही निहाल कियो गुरुजी तुमन बहुत ही निहाल कियो म्हारो अंतस उज्वल कियो गुरुजी तुमन बहुत ही निहाल कियो
म्हारा सिंगाजी दुनिया म हुया रे महान जली रही ज्योति न उड़ रे निसाण म्हारा सिंगाजी की महिमा छे न्यारी
पिता ब्रह्मा पिता विष्णु पिता भगवान दुनिया में पिता जैसा नही कोई भी मेहरबानी दुनिया में पिता ब्रह्मा पिता विष्णु
घर का नौकर बाहर का बाबू माजे तवा परात, किसी से मत कहना घंटा चार का बजता है बीवी मुझे