
सरवन जैसा नही रे सेवक
चार वेध के शास्त्र देख लो ॐ सरेखा नाम नही सरवन जैसा नही रे सेवक कौसल्या शी माता नहीं सीता

चार वेध के शास्त्र देख लो ॐ सरेखा नाम नही सरवन जैसा नही रे सेवक कौसल्या शी माता नहीं सीता

दोहा : कौन होता है कब किसी का, दम निकल जाने के बाद खाक रह जाती है

अमृत वेला जिन्दे नि उठ के, नाम दी माला फेर, वाहेगुरु वाहेगुरु जप लै नि तू सतनाम दी माला फेर,

बल्ले बल्ले जांड्डा वाला पुत्त वंद दा जोड़े लडडुआ दे देख लो चढ़ा के, जांड्डा वाला पुत्त वंद दा बल्ले

युगो युगो से चलता आया प्रेम का ये बंधन, भाई बहिन का रिश्ता जग में सब से है पावन, रक्शा

ये मत कहो खुदा से मेरी मुश्किलें बड़ी हैं इन मुश्किलों से कह दो मेरा खुदा बड़ा है आती हैं

को माता को पिता हमारे कब जनमत हमको तुम देख्यो, हँसी लगत सुन बैन तुम्हारे कब माखन चोरी कर खायो,

चतुर्भुजा माता तेरा धरे जो दिल से ध्यान , पूरण हो सब कामना , पूरण हो सब काम | संख-चक्र

तेरे हथ विच डोर मालका तेरे हथ विच डोर, मुश्किल दे इस समय अन्दर दिसदा न कोई होर, मालका तेरे

माँ बाप की इस कलयुग में किस तरह कटे जिंदगानी वो बेटा क्या बेटा है जा ने माँ की कदर