हरिनाम जपो हरिनाम जपो
हरिनाम जपो हरिनाम जपो । हरिनाम जपो हरिनाम जपो ।। अति पावन सुन्दर नाम जपो । हरिनाम जपो हरिनाम
हरिनाम जपो हरिनाम जपो । हरिनाम जपो हरिनाम जपो ।। अति पावन सुन्दर नाम जपो । हरिनाम जपो हरिनाम

ॐ गुंज गुंजे अनंत ब्रह्मांडमें,हर मंत्र ॐ की गुंज है,हर मंत्रमें आवाज है ॐ की,यह ॐ ही शक्ति पुंज है।
प्रेम जब अनंत हो गया,रोम रोम संत हो गया,प्रेम जब अनंत हो गया,रोम रोम संत हो गया,देवालय बन गया बदन,संत

मेरा छोटा सा संसार,हरि आ जाओ एक बार। हरि आ जाओ, प्रभु आ जाओ, मेरी नईया, पार लगा जाओ मेरी
मेरा छोटा सा संसार,हरि आ जाओ एक बार। हरि आ जाओ, प्रभु आ जाओ, मेरी नईया, पार लगा जाओ मेरी

तुम मुझमें प्रिय! फिर परिचय क्यातारक में छवि, प्राणों में स्मृति,पलकों में नीरव पद की गति,लघु उर में पुलकों की
हमें कुछ दो न दो भगवन ! कृपा की डोर दे देनातुम्हारी हो जिधर चर्चा , हृदय उस ओर दे

मस्तक ऊँचा हुआ मही का,धन्य हिमालय का उत्कर्ष।हरि का क्रीड़ा-क्षेत्र हमारा,भूमि-भाग्य-सा भारतवर्ष॥ हरा-भरा यह देश बना करविधि ने रवि का

तेरी अंखिया हैं जादू भरी, बिहारी मैं तो कब से खड़ी ।सुनलो मेरे श्याम सलोना, तुमने ही मुझ पर कर

प्राणों के आने से पहले, प्राणों को बुलवाता है,प्राणी को कर चैतन्य वही , चैतन्य स्वयं कहलाता है|परिधि में जो