जग घुमिया बाबा जैसा ना कोई
जय रामदेव आवातरी, लीले घोडेवाली अस्वरी अजमल घर अवतारी, जय हो जय हो म्हारा बाबा थारी, जग घुमिया थारे जैसा
जय रामदेव आवातरी, लीले घोडेवाली अस्वरी अजमल घर अवतारी, जय हो जय हो म्हारा बाबा थारी, जग घुमिया थारे जैसा
रब दुरो दुरो वेख रहा किदा बन्दा मेनू वेच रहा लंगर लाउंदा टल वजाउंदा मथे भी ओह खूब कसौंदा मेरी
फागुन के रंग उड़े पुरवा के संग चले, चुनर के संग उड़े साड़ी रे, देखो आई बसंत मतवारी रे…….. सरसों
इक लाल देदे दातिया मैनु लाल देदे लाला वालेया, फूल भुटा तेरे दर ते चढ़ावा, इक लाल देदे दातिया मैनु
श्री विश्वकर्म प्रभु वन्दऊँ, चरणकमल धरिध्य़ान । श्री, शुभ, बल अरु शिल्पगुण, दीजै दया निधान ।। जय श्री विश्वकर्म भगवाना
कल्ला ई कल्ला जावेगा बाई कल्ला ई कल्ला रोवेगा पछतावेगा तू कल्ला ई कल्ला कल्ला ई कल्ला… तेरे औने रिश्तेदारा
नई सदी से मिल रही यह कैसी सौगात l बेटा कहता बाप से तेरी क्या औकात ॥ पानी आंखो का
बाबा हरदेवा का जन्म उत्सव आया है रंग गुलाल उड़े फूल का साया है, मौज उदा ले साथी तू तू
सोहम बाला हलरों नित निर्मलो , निर्मल थारी ज्योत नदी सूक्ता के घाट पे , बैठयो ध्यान लगाय आवत देखयों
मन्ने अब के बचा ले मेरी माय बटाऊ आयो लेवण ने, पाँच कोठड़ी दस दरवाजा इण मंदिरए माय, लुकति छिपती