सवेरे वाली गाडी से चले जायेगे
सवेरे वाली गाडी से चले जायेगे, कुछ लेके जायेगे कुछ देके जायेगे ये मेला दो घडी का दो दिनों की
सवेरे वाली गाडी से चले जायेगे, कुछ लेके जायेगे कुछ देके जायेगे ये मेला दो घडी का दो दिनों की
आ जाओ अग्रोहा धाम ये खुशियों का नगर है भगवन का घर है यहाँ किस बात का डर है बैठा
कोण किसै नै घराँ बुलावै, कोण किसे कै जावै रै हर दाणे पै मोहर लागरी, कोण दाणा पाणी ल्यावै कोण
हो तेरे बिन मेरे दादा देव , लाज मेरी कौन बचावेगा, कौन बचावेगा लाज मेरी कौन बचावेगा हो तेरे बिन
आँचल तो आँचल ही है नारी सिर का सृंगार जो भी इसे सम्हाल के रक्खे वो है पतिव्रता नार सुनता
लागा चुनरी में दाग, छुपाऊँ कैसे चुनरी में दाग, छुपाऊँ कैसे, घर जाऊँ कैसे लागा चुनरी में दाग… हो गई
मात पिता से दगो जो करेगो, चार जनम पछतावेगो, पछतावेगो दुःख पावैगो, पछतावेगो दुःख पावैगो, बीरा म्हारा यो अवसर नहीं
ईशा पूरी हों दे रात जगा करा, पासे हटजो रास्ता छड़ दो बाबा भेरो आया, माँ काली दा लाडला भगता
कभी राम बन के, कभी श्याम बन के, चले आना प्रभु जी चले आना। तुम राम रूप में आना। सीता
मैं तो रोवे दूध पिलाये दूंगी मेरो छोटो सो लंगुरियां, मेरो छोटो सो लंगुरियां मेरो प्यारो सो लंगुरियां, जब लंगुरियां