पिता ब्रह्मा पिता विष्णु पिता भगवान
पिता ब्रह्मा पिता विष्णु पिता भगवान दुनिया में, पिता जैसा नहीं कोई है मेहरबान दुनिया में, ये बचो के लिए
पिता ब्रह्मा पिता विष्णु पिता भगवान दुनिया में, पिता जैसा नहीं कोई है मेहरबान दुनिया में, ये बचो के लिए
पिय बिन सूनो छे जी म्हारो देश एसो है कोई पिय से मिलावै तन मन करुं सब पेश तेरे कारण
उठ जाग मुसाफिर भोर भई रेन कहा जो सोवत है जो सोवत सो खोवत है जो जागत है सो पावत
सतरंगी चुनरियाँ गजबण लहरियो, लहरावे, पहनावों है रंग रंगीलो पेचों मान बढ़ावे, सोना री नथनी प्यारी झुमका झूमें कान, देव
पंच तत्व की काया एको ध्यान राखजो एम लगी जाय एको ज्ञान राखजो धन दौलत अरु माल खजीना छूटी जायग
तर्ज : श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी जप लो माला, अलख निजारी , ध्यान लगा आठो, याम पुकारी , एक
जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा । जय काली और गौर देवी कृत सेवा ॥ जय भैरव देवा…॥ तुम्ही
वे तू पतिया विच पहाड़ा विच इस दुनिया दियां बहारा विच, मैं लभदा तनु हर वेले फिर क्यों नजर नहीं
बेटी के होने से ही परिवार चलता है, बेटी से ही तो सारा संसार चलता है, सुनी धरती बेटी बिन
करे सुमरण हम मैया का, सभी अंधकार हरती हे, सहारा ले लो मैया का, सभी दुख दूर करती हे, करे