
रे मन मस्त सदा दिल रहना
रे मन मस्त सदा दिल रहना आन पड़े सो सहना रे मन मस्त सदा दिल रहना कोई दिन कम्बल कोई

रे मन मस्त सदा दिल रहना आन पड़े सो सहना रे मन मस्त सदा दिल रहना कोई दिन कम्बल कोई

यू कई फेरे माला ने भाया यू कई फेरे माला ने थारा खोल कपट का ताला ने पचे फेर जे

गंगा जी तेरे खेत मैं री माई गडे सैं हिंडोळे चयार कन्हिया झूलते संग रुक्मण झूल रही शिवजी के करमंडल

अर्जी थे म्हारी सुणल्यो रुनिचे रा धनिया आवो पधारो म्हारे आंगनिया… म्हारे आंगनिया…. अजमाल जी रा कंवरा अर्जी थे म्हारी

रबा मेरेया मेरे हाल दा मेहरम तू अन्दर तू ऐ ते बहार तू, रोम रोम विच तू रबा मेरेया मेरे

बेटा शरवण पाणीड़ो पिलाय , वन में बेटा प्यास लगी, आला लीला बांस कटाया , कावड़ ली रे बनाय, मात

नाम जपन क्यों छोड़ दियां क्रोध न छोड़ा झूठ न छोड़ा सत्ये वचन क्यों छोड़ दियां झूठे जग में दिल

मुश्किल नहीं है कुछ दुनिया में, तू जरा हिम्मत तो कर। खवाब बदलेंगे हकीकत में, तू ज़रा कोशिश तो कर॥

घुघंट के पट खोल रे, तोहे पिया मिलेंगे, घट घट में तेरे साई वस्त है, कटुक वचन मत बोल रे,

मैया दो ऐसा वरदान सुहागन रहूं सदा, रहे अमर यही अरमान सुहागन रहू सदा, माथे की बिंदिया चाँद सी चमके