रमते रावल ने म्हारा आदेश देणा
रमते रावल ने म्हारा आदेश देणा, अरे रमतें रावल ने म्हारा आदेश देणा हां हां, जद शिवरु जद भेला हेलो
रमते रावल ने म्हारा आदेश देणा, अरे रमतें रावल ने म्हारा आदेश देणा हां हां, जद शिवरु जद भेला हेलो
छोड़ झमेला झूठे जग का, कह गए दास कबीर । पार लगायेंगे एक पल में तुलसी के रघुवीर ॥ भूल
मंजिल मिली, मुराद मिली, मुदा मिला, सब कुछ मुझे मिला, जो तेरा नक्श-ऐ-पा मिला | जब दूर तक ना कोई,
मेरे बाबे का दरबार सुहाना लगता है ll भक्तों का तो दिल दीवाना लगता है ll मेरे बाबे का दरबार
ये दुनिया बनाना और बनाके फिर चलाना बस उसी का काम है, बड़ा जबरदस्त उनका इंतजाम है, रात को ही
ਕਿਵੇਂ ਕਿਵੇਂ ਸਮਝਾਵਾਂ ਇਸ ਮਨ ਪਾਪੀ ਨੂੰ ਪਾਪੀ ਨੂੰ,,,ਕਿਵੇਂ ਕਿਵੇਂ ਸਮਝਾਵਾਂ ਇਸ ਮਨ ਪਾਪੀ ਨੂੰ ਜੇ ਮੇਰਾ ਮਨ ਲਕੜੀ ਹੋਵੇ
अहो मेरे सिर पर सिंगा जबरा मेरे सिर पर सिंगा जबरा गुरू मैं सदा करत हु मुजरा मेरे सिर पर
कृपा की न होती जो आदत तुम्हारी, तो सूनी ही रहती अदालत तुम्हारी, ओ दोनों के दिल में जगह तुम
हे विष्णु के अवतार बाबा गंगाराम गंगाराम प्रभु गंगा राम पतित पावन तेरो नाम श्रृष्टि के पालनहार बाबा गंगाराम सत्ये
जिन्हो घर झुमते हाथी , हजारों लाखों थे साथी उन्हीं को खा गई माटी , तु खुशकर नींद क्यों सोया