मैं पागल हो गयी रे खोलीवाले के प्यार में
मैं पागल हो गयी रे खोलीवाले के प्यार में मैं पागल, मैं पागल, मैं पागल हो गयी हाय हाय खोलीवाले
मैं पागल हो गयी रे खोलीवाले के प्यार में मैं पागल, मैं पागल, मैं पागल हो गयी हाय हाय खोलीवाले
न कहीं से दूर हैं मंजिलें, न कोई करीब की बात है । जिसे तुम ने दर पे बुला
जो देवे धोखा यार नै वो यार नही यार वो जान जो मांगे इनकार नही जो देवे धोखा यार नै
समय को भरोसो कोनी कद पलटी मार जावे तुलसी नर का क्या बड़ा, और समय बड़ा बलवान, काबा लूटी गोपिया,
अलख लखा लालच लगा कहत न आवै बैन, निज मन धसा सरूप में सदगुरू दीन्ही सैन उनमुन लगी आकाश में
मेरी चुनरी के लाग्या दाग़ पिया, दाग़ पिया ओ जी, दाग़ पिया, मेरी चुनरी के लाग्या दाग़ पिया पाँच तत्व
ना देना चाहे कुबेर का धन, मगर सलीका सहूर देना। उठा के सर जी सकूँ जहाँ में,
उठो उर्मिला सूर्ये वंश का लखन तेरे अविनंदन में है अनुज धर्म की दवजा त्याग कर शीश निभाये वंदन में
बेहना ने भाई की कलाई से प्यार बांधा है प्यार की दो तार से संसार बाँधा है रेशम की डोरी
ना जरूत उन्हें पूजा और जाप की, जिसने की बंदगी अपने माँ बाप की, रहता ईश्वर सदा उनके ही साथ