
मेरे बाबा का दरबार सुहाना लगता है
मेरे बाबे का दरबार सुहाना लगता है ll भक्तों का तो दिल दीवाना लगता है ll मेरे बाबे का दरबार

मेरे बाबे का दरबार सुहाना लगता है ll भक्तों का तो दिल दीवाना लगता है ll मेरे बाबे का दरबार

ये दुनिया बनाना और बनाके फिर चलाना बस उसी का काम है, बड़ा जबरदस्त उनका इंतजाम है, रात को ही

ਕਿਵੇਂ ਕਿਵੇਂ ਸਮਝਾਵਾਂ ਇਸ ਮਨ ਪਾਪੀ ਨੂੰ ਪਾਪੀ ਨੂੰ,,,ਕਿਵੇਂ ਕਿਵੇਂ ਸਮਝਾਵਾਂ ਇਸ ਮਨ ਪਾਪੀ ਨੂੰ ਜੇ ਮੇਰਾ ਮਨ ਲਕੜੀ ਹੋਵੇ

अहो मेरे सिर पर सिंगा जबरा मेरे सिर पर सिंगा जबरा गुरू मैं सदा करत हु मुजरा मेरे सिर पर

कृपा की न होती जो आदत तुम्हारी, तो सूनी ही रहती अदालत तुम्हारी, ओ दोनों के दिल में जगह तुम

हे विष्णु के अवतार बाबा गंगाराम गंगाराम प्रभु गंगा राम पतित पावन तेरो नाम श्रृष्टि के पालनहार बाबा गंगाराम सत्ये

जिन्हो घर झुमते हाथी , हजारों लाखों थे साथी उन्हीं को खा गई माटी , तु खुशकर नींद क्यों सोया

ढोलर बाज्यों रे, बाज्यो रै, सईयों आई सावण तीज सुहावणी, नान्ही-नान्ही बूँद पड़े छे म्हारो लहरयो भीज्यो रै, सईयों आई

इस संसार में तू अकेला आया है अकेला जाएगा, ये बोझ तेरा अपना तुझे ही उठाना है दूजा न उठाएगा,

कोयल बोली रे अरे अरे रे कोयल बोली रे कोयल बोली रे कोई कोई नाडोल गढ़ रे माय कोई आशापुरा