
मेरा नाथ तू हैं अकेला नहीं मैं मेरे साथ तू हैं
मेरा नाथ तू हैं अकेला नहीं मैं मेरे साथ तू हैं मेरा हाथ तू हैं मेरा नाथ तू हैं चला

मेरा नाथ तू हैं अकेला नहीं मैं मेरे साथ तू हैं मेरा हाथ तू हैं मेरा नाथ तू हैं चला

चिठी धुर दरगाहो आई सिमरन कर बंदिया, पहिली चिठी आई कोई कीता ना प्रंबध जी, होली होली झड़गे तेरे मुहँ

कर दो दूर प्रभु, मेरे मन में अँधेरा है, जब से तेरी लगन लगी, हुआ मन में सवेरा है, कर

पा के सुंदर बदन कर प्रभु का भजन, जिंदगानी का कोई भरोसा नहीं, जो भी आया यहां उसको जाना पड़े,

हर फिकर को धुएं में उड़ाता चला गया, बरबादियो का मना न फजूल था, बरबादियो का जश्न मनाता चला गया,

घोडलिया ओ..हो.. घोडलिया घोडलिया तू ठुमक ठुमक रुणिचे जाइजे रे रामाधणी ने लेकर बेगो बेगो आईज़े रे घोडलिया ओ घोडलिया

जल्दी करील बजार उठी जायगा जीवन की रेल छूटी जायगा यमपुरी को टिकट कटी जायगा जीवन की रेल छूटी जायगा

देव धणी को मन्दिर प्यारो , मालासेरी गाँव जी, साडू मां का लाल थांको , जग में मोटो नाम जी,

तूने अजब रचा भगवान खिलौना माटी का माटी का रे माटी का तूने अजब रचा भगवान खिलौना माटी का कान

मन द्विविधा में है भटक रहा स्नमार्ग दिखा दो हे भगवन्, सत्कर्म और अपनी भक्ति की राह दिखा दो हे