तेरी काया की हवेली बन्दे एक दिन डह जाएगी
तेरी काया की हवेली बन्दे एक दिन डह जाएगी एक दिन डह जाएगी रे बन्दे एक दिन डह जाएगी कोई
तेरी काया की हवेली बन्दे एक दिन डह जाएगी एक दिन डह जाएगी रे बन्दे एक दिन डह जाएगी कोई
नफरत ना कर इंसान, यहां तूं दो दिन का मेहमान, छोडकर जाना होगा, फिर नहीं आना होगा.. यश का तेरे
येई हो विठ्ठले माझे माऊली ये, निढळावरी कर ठेऊनी वाट मी पाहे, आलिया गेलीया हातीं धाडी निरोप, पंढरपुरी आहे माझा
उलज मत दिल बहारो में बहारो का बरोसा क्या साहारे टूट जाते है सहारो का भरोसा क्या उलज मत दिल
चाहे वो इंसान हैं पर मेरे लिए भगवान् हैं, बिन मांगें सब कुछ देते बदले में कुछ ना लेते, क्या
सुन इंसान रे विधि का विधान रे, दो दिन की जान रे, सच है ये मान रे जो आएगा वो
जिंदगी एक किराये का घर है, एक न एक दिन बदलना पड़ेगा॥ मौत जब तुझको आवाज देगी ॥ घर से
घर में हो या हो मंदिर में दोनों इक ही ज्योति है माँ तो माँ होती है भाईया माँ तो
रामा राज कुँवर थाकि खम्मा खम्मा गावा ह॥ थाके नित नित शीश झुकाव ह। म्हारा रामा धनी थेन खम्मा घनी
क्यों पानी में मल मल नहाये, मन की मैल उतार, मन की मैल उतार, क्या पानी में मल मल नहावें,