
उलज मत दिल बहारो में बहारो का भरोसा क्या
उलज मत दिल बहारो में बहारो का बरोसा क्या साहारे टूट जाते है सहारो का भरोसा क्या उलज मत दिल

उलज मत दिल बहारो में बहारो का बरोसा क्या साहारे टूट जाते है सहारो का भरोसा क्या उलज मत दिल

चाहे वो इंसान हैं पर मेरे लिए भगवान् हैं, बिन मांगें सब कुछ देते बदले में कुछ ना लेते, क्या

सुन इंसान रे विधि का विधान रे, दो दिन की जान रे, सच है ये मान रे जो आएगा वो

जिंदगी एक किराये का घर है, एक न एक दिन बदलना पड़ेगा॥ मौत जब तुझको आवाज देगी ॥ घर से

घर में हो या हो मंदिर में दोनों इक ही ज्योति है माँ तो माँ होती है भाईया माँ तो

रामा राज कुँवर थाकि खम्मा खम्मा गावा ह॥ थाके नित नित शीश झुकाव ह। म्हारा रामा धनी थेन खम्मा घनी

क्यों पानी में मल मल नहाये, मन की मैल उतार, मन की मैल उतार, क्या पानी में मल मल नहावें,

तेरा झूठा मोह जगत में तोते से बोली मैना गैरों से मतलब क्या है अपनों से बच के रहना श्री

जहाँ पाँच देव बसते हैं,उस धाम के लिये, श्रद्धा से शीश झुका लो गंगा राम के लिये, जन जन के

हम मोड़ने चले हैं युग की प्रचंड धारा, गिरते हैं उठते-उठते, हे नाथ दो सहारा। दुवृत्तियाँ बढ़ी हैं, उनको उखाड़ना