
हम बहुजन हमार बाबा रतनवा
हम बहुजन हमार बाबा रतनवा, जेहि लिखल भारत के सुंदर विधनवा, हम बहुजन हमार बाबा रतनवा, बहुजन के नैया डूबत

हम बहुजन हमार बाबा रतनवा, जेहि लिखल भारत के सुंदर विधनवा, हम बहुजन हमार बाबा रतनवा, बहुजन के नैया डूबत

हंसा नजर नहीं आया प्रेम गुरू, अंत नजर नहीं आया, चोंच पांख बिन काया गुरू जी, म्हारां हंस नजर नहीं

अगर तुम्हारा धमाणा में दरबार नहीं होता तो बेड़ा गरीबो का कभी पार नहीं होता सारी दुनिया से मैं तो

तर्ज- स्वर्ग से सुन्दर सपनों से प्यारा चाहे लाख करो तुम पूजा चाहे तीरथ करो हजार, मात -पिता को ठुकराया

निवाँ होके चले बन्दैया नही जिंदगी दा कोई बसा, निवाँ होके चल बन्दैया, सदा निवियाँ नू रब मिलदा, निवाँ होके

बहाना जो मिले तुझको प्रभु को याद कर लेना। बसा कर अपने ह्रदय में, यह दिल आबाद कर लेना॥ ख़ुशी

मृग तृष्णा है दुनिया दारी कब तक भागे गा प्राणी भीतर ही तेरे वो रब है कब तू जागे गा

भेरो बाबा तुम्हे सारे बधाई देने आये है जयंती भेरो बाबा की मनाने हम भी आये है, भेरो बाबा तुम्हे

ॐ जय नागोवाली, मैया जय नागोवाली॥ जो भी दर पे आये, जाए ना खाली॥ ॐ जय नागोवाली॥ तिरुमलगिरी मैं बन्यो

कसो तज्यो रे लाडिला भइया रे मख कसो तज्यो लाडिला मनरंग अपराध किना भइया रे मख कसो तज्यो लाडिला मारग