मुंडल बाबो सेठ
मुंडल बाबो सेठ, चारों सतियाँ ही सेठानी है, या तो केड की महारानी है,मुंडल बाबो सेठ…. दरबार है प्यारा,सारे जग
मुंडल बाबो सेठ, चारों सतियाँ ही सेठानी है, या तो केड की महारानी है,मुंडल बाबो सेठ…. दरबार है प्यारा,सारे जग
तर्ज :-जहाँ डाल-डाल पर सोनेे की जहाँ बार -बार जाने को, भक्तों मन करे हमारा, वो खोली धाम है प्यारा,
नहीं चाहिए दिल दुखाना किसी का, सदा ना रहा है, सदा ना रहेगा, ज़माना किसी का, नहीं चाहिए दिल दुखाना
अब सौंप दिया इस जीवन का, सब भार तुम्हारे हाथों में। है जीत तुम्हारे हाथों में, और हार तुम्हारे हाथों
चलती चक्की को देखकर दिया कबीरा रोय दो पाटन के बीच में साबुत बचा न कोई दाता तेरे हाथ में
श्याम है अर्ज मेरी उम्र घटा दो मेरी, हां बचपन लोटा दो संग रहे माँ मेरी, अब मुझे और बड़ा
बीत गये दिन भजन बिना रे । भजन बिना रे भजन बिना रे ॥ बाल अवस्था खेल गवांयो । जब
हे धरती माता तुझको नमन यहाँ शिव शंकर के मंदिर है, जितना धन तेरे ऊपर है कई लाख तेरे गुना
सजाओ देश को अपने, चलो मंदिर बनाएंगे, चलो मंदिर बनाएंगे, प्रभू श्री राम आएंगे, प्रभू श्री राम आएंगे प्रभू श्री
ना धन दौलत मांगू न मांगू राज खजाना, अमृत धुट पीला गंगा माँ चरणों में तेरे ठिकाना, ना धन दौलत